Manish Sisodia Remand: आखिरकार सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को रिमांड पर ले ही लिया। सोमवार को सीबीआई ने ’आप’ के नेता मनीष सिसोदिया को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी रिमांड पर फैसला सुनाते हुए उन्हें 5 दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। यानि 4 मार्च तक मनीष सिसोदिया सीबीआई रिमांड में रहेंगे। ऐसे में अब की बार ’आप’ की होली का रंग फीका पड़ने वाला लगता है। आपको बता दें कि, आबकारी नीति के मामले में सीबीआई ने रविवार को चौथी गिरफ्तारी की है। इससे पहले विजय नायर, समीर महेंद्रू और अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पहले कराया मेडिकल, फिर ले गए कोर्ट
सोमवार दोपहर कोर्ट में पेश करने से पहले मनीष सिसोदिया का मेडिकल कराया गया, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को कोर्ट में पेश करते हुए 5 दिनों की रिमांड मांगी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि सिसोदिया के कहने पर कमीशन को 5 करोड़ से बढ़ाकर 12 करोड़ रुपये किया गया था। पूछताछ करने के लिए रिमांड की जरूरत है। हालांकि, इस दौरान मनीष सिसोदिया के वकील दयान कृष्णा भी शांत नहीं रहे और उनकी रिमांड रद्द करवाने की खूब कोशिश की, लेकिन उनकी एक न चल सकी। उन्होंने कहा कि रिमांड लेने की कोई वजह नहीं है और जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप तथ्यहीन हैं। सिसोदिया के वकील ने कहा कि उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद कमीशन बढ़ाया गया था और एलजी के जानकारी में ही सबकुछ हुआ है।
सीबीआई को पूछताछ में दिया पूरा समर्थन
कोर्ट में सिसोदिया की ओर से तीन वकील मौजूद रहे, लेकिन तीनों ही मनीष सिसोदिया की रिमांड नहीं रोक पाए। उनके वकील ने कहा कि, सिसोदिया हर नोटिस पर सीबीआई के सामने पेश हुए और सीबीआई को पूछताछ में पूरा समर्थन किया है। आपको बता दें कि, दिल्ली आबकारी नीति मामले को लेकर सीबीआई ने रविवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया था।
केजरीवाल का आरोप- सीबीआई ने राजनीतिक दबाव में किया गिरफ्तार
आम आदमी पार्टी के सबसे भरोसेमंद नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तार का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने विरोध किया है। सीएम केजरीवाल ने तो इसे सीबीआई पर गिरफ्तारी का राजनीतिक दबाव बताया है। उन्होंने ट्वीट किया कि, मुझे बताया गया है कि ज्यादातर सीबीआई अधिकारी मनीष का बहुत सम्मान करते हैं। सभी उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ थे। उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने का राजनीतिक दबाव इतना अधिक था कि उन्हें उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा।