Sonia Gandhi Leaving Politics! भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के सबसे दिग्गज नेता रहे राजीव गांधी के निधन के बाद कांग्रेस की कमान अपने हाथों में लेने वाली सोनिया गांधी ने शनिवार को एक बहुत बड़ा संकेत दे दिया। सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में राजनीति से संन्यास लेने की ओर इशारा कर दिया है।
रायपुर में कांग्रेस पार्टी के पूर्ण अधिवेशन में स्पीच देते हुए कांग्रेस की नेता और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी राजनीतिक पारी ’भारत जोड़ो यात्रा’ के साथ समाप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि, 2004 और 2009 में हमारी जीत के साथ डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व ने मुझे व्यक्तिगत रूप से संतुष्टि दी, लेकिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि ’भारत जोड़ो यात्रा’ के साथ मेरी पारी का समापन हो सका। ये यात्रा कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में आई है। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की यात्रा सफल रही क्यांकि मजबूत कार्यकर्ता ही पार्टी की ताकत होते हैं। कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी नहीं है, यहां लोकतंत्र है।
9 दिसंबर, 1946 को लुसियाना, इटली में जन्म लेने वाली आज की सोनिया गांधी पहले सोनिया माइनो थीं। सोनिया गांधी का राजनीतिक जीवन 1968 में राजीव गांधी से शादी के बाद शुरू हुआ। 1991 में राजीव गांधी के निधन के बाद वे उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश पर ध्यान केंद्रित किया। लेकिन 1997 में वे राजनीति में कूद पड़ी। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 1999 में यूपी के अमेठी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए वे संसद सदस्य के रूप में चुनी गई।
सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने 2004 के आम चुनावों में जीत हासिल की। इस चुनाव में उनके भारत का प्रधानमंत्री बनने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए सोनिया ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना दिया। सोनिया गांधी कई बार कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में चुनी गई और उन्होंने पार्टी की नीतियों और रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन धीरे-धीरे भाजपा के बढ़ते प्रभाव और कांग्रेस के होते जा रहे पतन के चलते उनके राजनीतिक करियर विवादों में घिरता गया और कई स्वास्थ्य समस्याओं से घिरने के बाद अब सोनिया गांधी धीरे-धीरे राजनीति की सक्रियता से भी दूर होती जा रही हैं। इसी बीच सोनिया का ये बढ़ा बयान अब उनके राजनीति से संन्यास के संकेत दे रहा है।