आयोजन के दौरान 3 लाख लोगों को रोजगार, 40 हजार करोड़ रूपए का लेन-देन और…

Kolkata Durga Puja 2022

नई दिल्ली | Kolkata Durga Puja 2022 : पश्चिम बंगाल में होने वाली दुर्गा पूजा हमेशा से लोगों को ध्यान अपनी ओर खींचती रही हैं. हालांकि पिछले 2 सालों से कोरोना माहामारी के कारण इस पूजा का आयोजन नहीं किया जा रहा था. इस साल एक बार फिर से पूरे जोश के साथ मां का स्वागत किया गया है. यहां भव्य सजावट के साथ-साथ एक बड़ा आर्थिक अवसर भी उत्पन्न होता है. इस दौरान कम से कम 40,000 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है और लगभग तीन लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर तैयार होते हैं. एक अनुमान के अनुसार राज्य में कुल 40,000 सामुदायिक पूजा आयोजन होते हैं. इनमें से 3,000 आयोजन अकेले कोलकाता में होते हैं. इन आयोजनों से राज्य में करीब तीन-चार माह आर्थिक गतिविधियां काफी तेज रहती हैं.

Kolkata Durga Puja 2022 : करीब 400 सामुदायिक पूजाओं के संगठन फोरम फॉर दुर्गोत्सव (FFD) के चेयरमैन पार्थो घोष ने कहा कि राज्य में पूजा आयोजनों के दौरान कम-से-कम 40,000 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है. वहीं इस दौरान राज्यभर में कम से कम दो-तीन लाख लोगों के लिए रोजगार सृजित होते हैं, क्योंकि उत्सव की गतिविधियां तीन-चार महीने पहले शुरू हो जाती हैं. पार्थो घोष, 52 वर्षों से सामुदायिक पूजा से जुड़े हुए हैं और दक्षिण कोलकाता में शिव मंदिर सरबजनिन दुर्गा पूजा के आयोजक हैं. उन्होंने कहा कि पूजा समितियां सूक्ष्म अर्थव्यवस्था के सूत्रधार के रूप में कार्य करती हैं. उन्होंने बताया कि दूर्गा पूजा के अवसर पर उत्सव में विभिन्न क्षेत्रों मसलन पंडाल बनाने वाले, मूर्ति बनाने वाले, बिजली क्षेत्र से जुड़े लोग, सुरक्षा गार्ड, पुजारी, ढाकी, मूर्ति परिवहन से जुड़े मजदूर और ‘भोग’ एवं खानपान की व्यवस्था से जुड़े लोग शामिल होते हैं.

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Kolkata Durga Puja 2022 : श्री घोष ने बताया कि हम आम जनता और अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं. वहीं FFD की अध्यक्ष काजल सरकार ने कहा कि उत्सव के दौरान न केवल मुख्य दुर्गा पूजा गतिविधियों बल्कि फैशन, वस्त्र, जूते, सौंदर्य प्रसाधन और खुदरा क्षेत्रों को भी लोगों की खरीद-फरोख्त से बढ़ावा मिलता है. जबकि साहित्य एवं प्रकाशन, यात्रा, होटल, रेस्तरां और फिल्म तथा मनोरंजन व्यवसाय में भी इस दौरान बिक्री में उछाल आता है. उन्होंने कहा कि इस साल त्योहार से करीब 50,000 करोड़ रुपये तक का लेन-देन होने का अनुमान है.

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