मुंबई | Vande Mataram Controversy : कुछ समय पहले ‘वंदे मातरम’ को लेकर राष्ट्र में काफी कुछ विवाद हुआ था. हालांकि ये बात समय के साथ ठंडी पड़ गई थी. अब एक बार फिर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने ये मामला उठाया है. प्रवक्ता क्लाईड ने रविवार को कहा है कि महाराष्ट्र सरकार का फरमान कि कर्मचारी जब कभी फोन कॉल का जवाब दें तो नमस्ते के बदले ‘वंदे मातरम’ कहें, यह मौलिक अधिकारों का हनन है. उन्होंने कहा कि ये किसी भी तरह से सही नहीं है क्यों कि ऐसा करना संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन है.
Maharashtra Govt. ordered its employees and officials to say ’Vande Mataram ’ to answer a call instead of traditional ’Hello’.
This has sparked controversy in Maharashtra.
But , despite of all,it’s a good initiative.— Rajnish Prasad Sinha🇮🇳, Nationalist (@RPSinha__) October 2, 2022
Vande Mataram Controversy : श्री क्रास्टो ने एक बयान में कहा कि ‘वंदे मातरम’ भारतीयों के लिए गर्व और देशभक्ति की भावना को दर्शाता है और उन्हें ऐसा कहने के लिए मजबूर करना सही नहीं है, विशेषरूप से तब जब महाराष्ट्र सरकार अपने कर्मचारियों को ‘वंदे मातरम’ कहने पर विवश कर रही है, भले ही वे अपने निजी टेलीफोन पर बात करें. श्री क्रास्टो ने कहा कि यह लोगों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन है और लोगों पर एक विशेष मानसिकता थोपना भी है. उन्होंने कहा कि लोगों को गर्व के साथ ‘वंदे मातरम’ बोलने दीजिए लेकिन उन्हें ऐसा करने पर मजबूर मत कीजिए.
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Vande Mataram Controversy : रांकपा प्रवक्ता के इस बयान के बाद से एक बार फिर से वंदे मातरम को लेकर बहस शुरू हो गई है. अब एक बार फिर से सोशल मीडिया पर लोग लगातार इसके पक्ष और विपक्ष में बात कर रहे हैं. दूसरी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पूरे मामले में कहा है कि रांकपा नेता ने एक बार फिर से ये दिखा कि उन्हें देश के प्रति कितना लगाव है. उन्होंने कहा कि ऐसे ही इस पार्टी के नेताओं पर देश द्रोह के आरोप लगे हुए हैं ऐसे में उनका ये बयान और भी ज्यादा गंभीर सवाल खड़े करता है.
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