जमुई | Navratri Special Temple : हमारे देश में आस्था को लेकर हर जगह अलग-अलग तरह के दावे किए जाते हैं. इन मामलों में से कितने में सच्चाई होती है ये तो हम नहीं बता सकते. आज हम आपको नवरात्रि के मौके पर माता के एक ऐसेे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में प्रसिद्ध है कि यहां पूजा करने वालों की नेत्र विकारों से मुक्ति मिल जाती है. ये मंदिर बिहार में जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड में स्थित है. यहां को लेकर मान्यता है कि नेतुला महारानी मंदिर में पूजा करने से श्रद्धालुओं को नेत्र संबंधित विकार से मुक्ति मिलती है. यहीं कारण है कि इस मंदिर में सालों भर नेत्र रोग से पीड़ित श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
Navratri Special Temple : मंदिर में मनचाही मुराद पूरी होने के बाद श्रद्धालु सोने या चांदी की आंखें मंदिर में चढ़ाते हैं. नेतुला महारानी मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा का इंतजाम किया जाता है. इस दिन भक्तों की काफी भीड़ होती है. यहां पर लोग संतान प्राप्ति के लिए भी मन्नत मांगते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में श्रद्धापूर्वक पूजा करने से कई नि:संतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति हो चुकी है. नवरात्र में नेतुला महारानी मंदिर में मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल से हजारों व्रती पहुंच कर नौ दिन तक मंदिर परिसर में उपवास एवं फलहार पर रहकर माता की पूजा-अर्चना एवं आरती करते हैं.
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Navratri Special Temple : मंदिर के इतिहास के बारे में दावा किया जाता है कि मंदिर का इतिहास 2600 साल पुराना रहा है. जैन धर्म के प्रसिद्ध ग्रंथ कल्पसूत्र के अनुसार, 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर अपने घर का त्याग कर कुंडलपुर से निकले थे, तब प्रथम दिन मां नेतुला मंदिर स्थित वटवृक्ष के नीचे रात्रि विश्राम किया था. इसी स्थान पर भगवान महावीर ने अपना वस्त्र का त्याग कर दिया था. इस मंदिर में हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम संप्रदाय के लोग भी मन्नत मांगने के लिये आते हैं. नेतुला महारानी मंदिर में प्रत्येक दिन सुबह-शाम मां का श्रृंगार और आरती की जाती है. नवरात्री के मौके पर यहां विशेष भीड़-भाड़ देखनो को मिलती है.
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