Knee Pain Home Remedies : भागमभाग, परिवर्तित जीवन शैली और असंतुलित खान-पान ने आज के इंसानों को समय से पहले ही बूढ़ा बना दिया है। जब लोगों की उम्र तेजी से भाग-भागकर काम करने की होती है। उसी उम्र में आज के लोग थक हार कर बैठ जाते हैं। उन्हें काम बताते ही क्रोध आने लगता है। दरअसल ये कमी उनकी कामचोरी की नहीं अपितु उनके शरीर में उत्पन्न हो रहे विकारों की है। जिसके चलते वे चाहते हुए भी काम नहीं कर पाते हैं।
आज का मनुष्य सबसे ज्यादा थकान को लेकर चिंतित रहता है जरा सा कार्य करने के बाद ही वह थक जाता है और हाथ-पांव दर्द करने लगते हैं। जोड़ों में असहनीय दर्द की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण इंसान के शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना भी माना गया है। इंसान के शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में लोग अंग्रेजी दवाओं के पीछे भागने लगते हैं और उनके आदी हो जाते हैं। ये दवाएं शरीर में एक मर्ज को दबाने के साथ-साथ दूसरे अंगों को प्रभावित कर नया मर्ज इंसान को दे देती है।
Knee Pain Home Remedies : अगर आप भी आर्थराइटिस और साइटिका जैसी परेशानियों से गुजर रहे हैं तो अंग्रेजी दवाओं के आदी ने होकर कुछ नेचुरल औषधियों पर भरोसा करें। आर्थराइटिस, साइटिका या गठिया जैसी गंभीर दर्दनाक बीमारी से छुटकारा पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां आपके लिए वरदान साबित हो सकती है।
Knee Pain Home Remedies : डॉक्टरों की माने तो यूरिक एसिड जब खून में बढ़ने लगता है तो घुटने या जोड़ों का दर्द आम होने लगता है। जिसके चलते शरीर में दर्द, सूजन और जकड़न महसूस होने लगती है और चलना-फिरना, उठना-बैठना या तक कि चैन से सोना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से आप आर्थराइटिस और यूरिक एसिड से होने वाली समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए अपनी दिनचर्या और खान-पान में इन इन चीजों का सेवन शुरू कर सकते हैं।
ये भी पढें :- ये अंकुरित अनाज आपकी सेहत के लिए होंगे फायदेमंद
अदरक: चाय की चूसकियां लेने में तो मजा ही तब आता है जब उसमें अदरक का तड़का लगा हो। सर्दी-खांसी-जुकाम में रामबाण मानी जाने वाली अदरक सूजन रोधी गुणों से भरपूर है। इसकी गर्म तासीर के कारण खून में समाहित यूरिक एसिड को बाहर करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद ल्यूकोट्रिएन्स और प्रोस्टाग्लैंडीन तत्व सूजन और दर्द पैदा करने वाले अणुओं को कम करते हैं।
लहसुन : लहसुन को भले ही तामसी भोजन की श्रेणी में माना जाता है। लेकिन ये एक औषधी भी है। इसमें डायलील डाइसल्फ़ाइड होता है जो जोड़ें में क्रिस्टल की तरह जमा यूरिक एसिड को खत्म करता है और सूजन से निजात दिलाता है। लहुसन प्रो इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के प्रभाव को कम करने में दवा की तरह काम करता है। लहसुन के साथ प्याज भी यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है। अतः आप इन्हें अपने भोजन में अधिक से अधिक शामिल कर सकते है और अगर इन्हें कच्चा सेवन कर सकते हैं तो और भी बेहतर होगा।
ये भी पढें :- ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के 13 दिन पूरे, अबतक 225 किमी की दूरी तय…
कच्ची हल्दी: भले ही आज के नवयुवक कच्ची हल्दी का महत्व नहीं समझे लेकिन, पुराने लोग तो कच्ची हल्दी का सेवन अत्यधिक करते थे। हल्दी कच्ची हो या फिर हल्दी पाउड़र दोनों ही जोड़ों के दर्द और मस्कुलोस्केलेटल रोगों समेत कई बीमारियों के इलाज के लिए रामबाण दवा है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन ही एंटीसेप्टिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है। ये ब्लड प्यूरिपफायर की तरह काम करती है। इसी साथ इसमें मौजूद एनाल्जेसिक जैसे तत्व यूरिक एसिड को बाहर निकालने का काम करते हैं।
एलोवेरा: कभी लोगों की जबान का स्वाद बिगाड़ने वाला एलोवेरा अब लोग बड़े चाव से यूज करने लगे हैं। अब हर घर के गमले में एलोवेरा लगा हुआ देखा जा सकता है। जहां ये महिलाओं की खूबसूरती में चारचांद लगाता है। वहीं, यूरिक एसिड को भी कम करने में मददगार है। अब तो ऐलावेरा गोलियों, पाउडर जेल या रस के रूप में यूज किया जा रहा है। एलोवेरा जोड़ों के दर्द की वो नेचुरल दवा है जो प्राकृतिक रूप से दर्द को ठीक कर ब्लड से यूरिक एसिड को यूरिन के जरिये बाहर कर देता है।