ताजमहल को लेकर भाजपा सांसद दिया कुमारी (Diya Kumari) द्वारा किये गए दावे की चर्चा कल से पूरे देश मे हो रही है. भाजपा सांसद ने जिस तरह से ठोस दावा किया है उसके बाद सोशल मीडिया पर लोग उनके समर्थन में उतर आए है और उनके दावे को सही ठहरा रहे है.जयपुर राजपरिवार से सम्बंध रखने वाली दिया कुमारी ने कल दावा किया था कि जिस जगह ताजमहल बना है वहां जयपुर राजपरिवार का महल था जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया और फिर बाद में ताजमहल बनवाया. लेकिन इस दावे के मद्देनजर अगर तथ्यात्मक बात की जाए तो कुछ रोचक तथ्य जरूर निकल कर आते है.
दिया कुमारी के इस दावे के साथ ही दुसरे अनेक दावों पर भी सोशल मीडिया पर चर्चा की जा रही है. इन दावों में राजस्थान पत्रिका के हेरिटेज विंडो की एक कटिंग भी खूब वायरल हो रही है जिसमे जितेन्द्र सिंह शेखावत की तरफ से मजबूत दावे किए गए है.पत्रिका की इस कटिंग के अनुसार ताज महल जिस जगह पर बना है वहां आमेर के कछवाहा वंश के राजा मान सिंह प्रथम की मान हवेली थी जो ताजमहल के निर्माण के वक्त जयपुर के तत्कालीन शासक मिर्जा राजा जय सिंह के अधिकार में थी. इस लेख में तत्कालीन इतिहासकारों का भी जिक्र किया है और बताया है कि उस समय के इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहौरी और मुहम्मद सालिह कम्बो की ताजमहल के निर्माण से सम्बंधित कृतियों का निष्कर्ष डॉ रामनाथ ने लिखा है और बताया है कि जिस जगह ताजमहल है वहां आमेर के राजा मान सिंह की हवेली थी जिसे ताजमहल के निर्माण के लिए मिर्जा राजा जय सिंह ने शाहजंहा को दान में दी थी.
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पांच शाही फरमानों में दफन है सच्चाई
बताया जाता है कि ताजमहल के निर्माण के समय कुल पांच शाही फरमान जारी हुए थे. जिनमे से तीन बीकानेर के अभिलेखागार में और दो जयपुर राजपरिवार के पास सुरक्षित है और उन्ही के आधार पर दिया कुमारी अपना दावा पेश कर रही है.इस फरमानों में से चौथे और पांचवे फरमान में मिर्जा राजा जय सिंह को दिए गए चार मकानों का ब्यौरा है जो उन्हें ताजमहल निर्माण के लिए दी गई मान हवेली के बदले शाहजहां से मिले.
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