The Taj Controversy : भाजपा सांसद और जयपुर राजघराने से संबंध रखने वाली दीया कुमारी ने एक बड़ा दावा किया है. बुधवार को उन्होंने कहा है कि जिस जमीन पर ताजमहल बनाया गया था वह मूल रूप से जयपुर के शासक जय सिंह की थी और इसे मुगल सम्राट शाहजहां ने अधिग्रहित किया था. उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका का भी समर्थन किया, जिसमें ताजमहल के इतिहास की तथ्य-खोज जांच की मांग की गई थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सच्चाई, जो कुछ भी है देखने के लिए इसके 22 कमरों के दरवाजे खोलने चाहिए.
The plea contends that the Taj Mahal is actually an old Shiva temple called ‘Tejo Mahalaya’ and seeks for the creation of a fact-finding team to open the mausoleum’s sealed doors and put the supposed controversy to rest. https://t.co/xrGkSLj3oY
— The Wire (@thewire_in) May 10, 2022
The Taj Controversy : दीया ने कहा है कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि स्मारक बनने से पहले वहां क्या था और लोगों को जानने का अधिकार है. जयपुर परिवार के पास रिकॉर्ड उपलब्ध हैं और यदि आवश्यक हुआ तो यह उन्हें उपलब्ध कराएगा. पूर्व जयपुर शाही परिवार की सदस्य कुमारी ने कहा कि जमीन के बदले मुआवजा दिया गया था, लेकिन कितना था, स्वीकार किया या नहीं, यह मैं नहीं कह सकती क्योंकि मैंने हमारे ‘पोथीखाना’ में मौजूद अभिलेखों का अध्ययन नहीं किया है. लेकिन जमीन हमारे परिवार की थी और शाहजहां ने इसे हासिल कर लिया था. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए उक्त दावे किए.
The Taj Controversy : अवध बार एसोसिएशन के हड़ताल पर जाने के कारण ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की याचिका पर सुनवाई 12 मई तक के लिए टाल दी गई है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में दायर याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से हिंदू मूर्तियों की उपस्थिति की जांच के लिए ताजमहल के 22 बंद कमरों की जांच करने को कहा गया है. अयोध्या में बीजेपी मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह द्वारा दायर याचिका में कुछ इतिहासकारों और हिंदू समूहों के दावों का हवाला दिया गया है कि मकबरा वास्तव में एक पुराना शिव मंदिर है. याचिका में एएसआई से बंद कमरों की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित करने और रिपोर्ट जनता को जारी करने की मांग की गई है.
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Taj Mahal or Tejo Mahalaya? A massive controversy has erupted after a plea was filed in Allahabad High Court, seeking a fact-finding inquiry into the ‘history’ of the Taj Mahal. Was there a temple beneath the iconic monument?
#TajMahal Case Explainer : https://t.co/pSNIv3PWlq pic.twitter.com/HiEHtm1aGT— India TV (@indiatvnews) May 10, 2022
The Taj Controversy : ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के मकबरे के रूप में बनवाया था. उन्होंने 1631 में संरचना को चालू किया था और निर्माण अगले साल शुरू हो गया था. संगमरमर के स्मारक को अंततः 1653 में पूरा होने में 22 साल और 22,000 श्रमिकों का साथ लगा.याचिका में दावा किया गया है कि एक शिव मंदिर हुआ करता था जिसे मुगल ने अपनी पत्नी के मकबरे में बदल दिया था. याचिका में यह भी कहा गया है. कुछ हिंदू समूह और प्रतिष्ठित संत इस स्मारक को एक पुराने शिव मंदिर के रूप में दावा कर रहे हैं जिसे मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा एक मकबरे में बदल दिया गया था. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि तेजो महालय (ताजमहल) ज्योतिर्लिंग यानी उत्कृष्ट शिव मंदिरों में से एक प्रतीत होता है.
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