जयपुर। आज राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपना जन्मदिन मना रहे है. ऐसे में सूबे के मुखिया का जन्मदिन होना वह भी तब जब प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने जा रहे है तो जन्मदिन अपने आप मे खास हो जाता है. वैसे भी राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति के इन दिनों नेताओ का जन्मदिन एक सियासी ताकत के प्रदर्शन का अच्छा बहाना भी बन चुका है जिसे पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pailot), पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) और विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathore) मारक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर चुके है. लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) हर बार अपना जन्मदिन सादगी के साथ ही मनाते है लेकिन इस बार मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं की तरफ से ना कोई लड्डू चखा ना मिठाई. इसका कारण यह नही की राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री ढलती उम्र में सुगर जैसी किसी बीमारी से ग्रसित हो गए है बल्कि उनके खुद के गृहनगर जोधपुर में एक बड़ा बवाल हो गया है.
आज मेरे जन्मदिवस के अवसर पर बड़ी संख्या में आप लोग मुख्यमंत्री निवास पर मिलने आए परन्तु अचानक जोधपुर में दो समुदायों के बीच बढ़ते तनाव की सूचना से चिंता के कारण अचानक मुझे निवास से CMO जाकर मुख्य सचिव, डीजीपी समेत उच्चाधिकारियों के साथ जरूरी बैठक करनी पड़ी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 3, 2022
नही तो लोग कहते “जब जोधपुर जल रहा था तो मुख्यमंत्री मिठाई खा रहा था”
कल देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के गृहनगर जोधपुर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई जिसके बाद जोधपुर का माहौल खराब हो गया. जब सुबह हुई तो फिर से टकराव की स्थिति बनी जो कि अब तक जारी है. करौली हिंसा की आग अभी बुझी नही है कि उससे पहले जोधपुर में इस तरह की सांप्रदायिक हिंसा होना राजस्थान (Rajasthan) के लॉ एंड ऑर्डर पर बड़े सवाल खड़े करती है. जोधपुर के बिगड़े हालातो पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) जल्दी ही एक्शन मोड़ में आ गए और उन्होंने अपने ऑफिस में उच्चस्तरीय बैठक बुला ली.
हाथो में गुलदस्ता और मिठाई का डब्बा लिए खड़े कार्यकर्ता लेकिन साहब अभी बिजी है
चूंकि यह घटना जोधपुर की है और सूबे के मुखिया खुद भी जोधपुर से आते है तो भाजपा (BJP) ने मुख्यमंत्री को चारों तरफ से घेरना शुरू कर दिया. मुख्यमंत्री (Ashok Gehlot) ने बिना देर किए अपने जन्मदिन के सभी कार्यक्रमो को रद्द कर दिया और अपन आफिस में अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक बुला ली. जब उनके कार्यकर्ता और समर्थक साहब के लिए फूलों से सजा गुलदस्ता और मिठाई का डब्बा लेकर पहुंचे तो गेट पर ही जवाब मिल गया कि साहब अभी मीटिंग में बिजी है. लेकिन साहब की मीटिंग के बाद एक फोटो भी वायरल हुई जिसमें साहब सोफे पर बैठे हुए है और साहब की पत्नी उन्हें तिलक लगाकर साहब का जन्मदिन मना रही है लेकिन गुलदस्ता और मिठाई का डब्बा लेकर साहब के दरवाजे से बेरंग लौटे कार्यकर्ताओ की फूल मालाओं को साहब ने यह कहकर स्वीकार नही किया कि साहब अभी मीटिंग में बिजी है. दरवाजे से बेरंग लौठे कार्यकर्ता और नेताओं के पास अब एक ही रास्ता बचा था साहब तक अपनी बधाई पहुंचाने का सो ट्विटर पर ट्रेंड चल पड़ा HBD_Gehlot
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