Hitler’s Last Day : दुनिया में कई ऐसी शख्सियत हुई है जिनकी जीवनी अपने आप में काफी रोमांचित करने वाली हैं. इनके बारे में ज्यादा पढ़ने और जानने को लेकर होड़ मची रहती है. ऐसा जी एक शख्सियत हिटलर (Hitler) भी था जिसके बारे में आज भी लोग खुलकर बात करने में हिचकिचाते हैं. उनके क्रूरता के किस्से आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देते हैं. खैर आज हम आपको हिटलर से संबंधित कोई और क्रूर घटना के बार में नहीं बताने जा रहे हैं. आज हम बात कर रहे हैं 30 अप्रैल, 1945 की. इसी दिन इस क्रूर शासक ने अपनी आखिरी सांस ली थी. इसी दिन उसने खुदकुशी कर ली थी. पूरी दुनिया को हिला देने वाले हिटलर ने अपने बंकर में खुद को गोली मार ली थी. उस समय उसके साथ में उसकी गर्लफ्रेंड इवा भी थी, जो शायद तब तक बीवी हो चुकी थी, भी थी.
Hitler’s Last Day : 30 अप्रेैल को उस बंकर में क्या हुआ था,कैसे हुआ, इसे लेकर कई किस्से और कहानियां हैं. इन तमाम कहानियों में से एक कहानी हम आपको सुना रहे हैं. वो कहानी, जो हिटलर के एक बॉडीगार्ड ने दुनिया को किताब में लिखकर सुनाई थी. उस किताब का नाम है- “हिटलर्स लास्ट विटनेस: द मेमॉइर्स ऑफ हिटलर्स बॉडीगार्ड”. ये किताब 2013 में आई थी. इसी किताब के कुछ हिस्सों से हम आपको बताने जा रहे हैं. हिटलर के पास दिनभर-रातभर फोन आते रहते थे.उसके बॉडीगार्ड्स में से दो की ड्यूटी फोन पर रहती. किताब लिखने वाले रोशस की ड्यूटी भी टेलिफोन पर होती थी.
Hitler’s Last Day : हिटलर के करीब यूं ड्यूटी करते-करते उसे पांच साल हो गए थे. बर्लिन के चारों तरफ सोवियत का घेरा था. सोवियत ने पूरी तरह से नाकेबंदी कर दी थी. जर्मनी इसे तोड़ नहीं पा रहा था. जब सोवियत सेना आगे बढ़ने लगी, तब हिटलर ने खुद को अपने उस बंकर में बंद कर लिया. उसे यकीन था कि वो बंकर दुनिया में सबसे सुरक्षित जगह है. 30 अप्रैल को तड़के सुबह हिटलर को बताया गया कि अगर आज कामयाबी नहीं मिली, तो बहुत बुरा होगा. सेना का गोला-बारूद खत्म हो जाएगा. हिटलर ने कहा- सोवियत की रेड आर्मी के मोर्चे पर उसे तोड़ने की कोशिश करो. ये हिटलर की आखिरी उम्मीद थी. उस दिन भी रोशस की ड्यूटी टेलिफोन पर थी. दिन का दूसरा पहर बस बीतने को था.
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Hitler’s Last Day : इसके बाद जर्मन सेना के एक अफसर- जनरल कीटेल का फोन आया. सोवियत आर्मी को तोड़ने की उनकी आखिरी कोशिश भी नाकाम रही थी. अब तय हो गया था कि जर्मनी हार गया है. दूसरा विश्व युद्ध खत्म होने से कोई नहीं रोक सकता. हिटलर ने फोन रखा. नाजी पार्टी का एक अधिकारी मार्टिन बोरमन उसके साथ था. हिटलर के कुछ और भी भरोसेमंद थे. वहां हिटलर उन सबके साथ दबी जुबान में बात कर रहा था. इसके बाद वो हॉल से अपनी स्टडी की ओर चल दिया. इवा ( हिटलर की कथित प्रेमिका पीछे-पीछे चलते हुए साथ हो ली. हिटलर ने वहां मौजूद सारे लोगों से कहा कि वो सब अब आजाद हैं. उन्होंने जो वफादारी की कसम खाई थी, उससे भी वो आजाद हैं. हिटलर ने तय कर लिया था कि अब वो खुदकुशी कर लेगा. वो जानता था कि अगर वो जिंदा दुश्मनों के हाथ लग जाता, तो उसकी दुर्गति तय होती
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