नई दिल्ली। आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) बिहार के भोजपुर में 1857 के विद्रोह के स्वतंत्रता सैनानी बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) के विजयोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बिहार (Bihar) पहुंच गए है. इस कार्यक्रम में अमित शाह (Amit Shah) के नेतृत्व में एक नया रिकॉर्ड भी बनने जा रहा है. भाजपा (BJP) की तैयारी है कि अठ्ठारह सौ सत्तावन (1857) की क्रांति के नायक बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) की याद में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में एक साथ 75000 राष्ट्रीय ध्वज लहराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाए. लेकिन पहले जानते है कि आखिर कौन थे वीर कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) जिनके सम्मान में भाजपा (BJP) आज इतना बड़ा कार्यकम आयोजित कर रही है.
बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) के बारे में एक ब्रिटिश इतिहासकार होम्स ने लिखा कि अगर वह बूढ़ा सैनिक जवान होता तो अंग्रेजो को अठारह सौ सत्तावन (1857) में ही अंग्रेजो को भारत छोड़ना पड़ता. 1857 की क्रांति के समय बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) की उम्र 80 साल थी और 80 साल के बूढ़े शरीर से कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) ने कुल 15 युद्ध लड़कर अंग्रेजो के छक्के छुड़ा दिए.
बाबू वीर कुँवर सिंह जी देशभक्ति, वीरता और सामाजिक समरसता के अद्वितीय प्रतीक थे। उम्र के उस पड़ाव में मातृभूमि की आजादी के लिए जिस साहस व समर्पण से उन्होंने विदेशी शासन से लोहा लिया वह चिरकाल तक हमें राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देता रहेगा।
आजादी के ऐसे महानायक को कोटिशः नमन। pic.twitter.com/hSBHVTl1AW
— Amit Shah (@AmitShah) April 23, 2022
बिहार (Bihar) सहित उत्तर प्रदेश (UP) में भी बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है.बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) बिहार (Bihar) के जगदीशपुर के जागीरदार थे और उनका जन्म बिहार (Bihar) के उज्जैनिया परमार क्षत्रिय वंश में हुआ.क्रांति के समय बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) भी अस्सी साल की उम्र में क्रांतिकारियों के साथ हो लिए और अपनी तलवार से अंग्रेजो को बहुत नुकसान पहुंचाया.बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) ने आरा, जगदीशपुर, दानापुर सहित पूरे बिहार (Bihar) में क्रांतिकारियों का नेतृत्व किया और अपने दम पर आरा जगदीशपुर को आजाद करवा कर वहां यूनियन जैक की जगह अपना झंडा फहराया.
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आज ही के दिन यानी 23 तारीख को ही बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) अंग्रेजो की सेना को लंबे संघर्ष के बाद धूल चटाकर अपने महल में पहुंचे तो किले पर यूनियन जैक की जगह अपना झंडा देखकर बहुत खुश हुए. अंग्रेजो के साथ युद्ध मे बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) को इतने घाव लगे कि विजय के तीन दिन बाद ही उन्होंने अंतिम सांस ली.
लो गंगा माई तुम्हारी यही इच्छा है तो
एक बार बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) बलिया के पास गंगा नदी को पार कर रहे थे तो अंग्रेजी सेना को इसकी भनक लग गई और अंग्रेजी सेना ने बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) पर धावा बोल दिया. गंगा नदी पार करते वक्त बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) के हाथ मे एक गोली लग गई. जब ज्यादा खून बहने लगा तो कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) ने खुद ही अपनी तलवार से अपना हाथ काटकर कहा कि “लो गंगा मैया अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो”
आज बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड
बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) की विजय के याद में भोजपुर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में आज एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा. इससे पहले एक साथ सबसे अधिक राष्ट्रीय ध्वज लहराने का रिकॉर्ड पाकिस्तान ( Pakistan) के नाम है लेकिन इस कार्यक्रम के बाद पाकिस्तान (Pakistan) का यह रिकॉर्ड टूट जाएगा और 75000 हजार तिरंगे लहराने के साथ ही गिनीज बुक में भारत (India) के नाम यह नया रिकॉर्ड बनेगा.
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