Breast Milk Facts : कहा जाता है कि मां का दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है. इसमें भी बच्चे के जन्म के तुरंत बाद के दूध को काफी महत्व दिया जाता है. जब भी कोई गर्भवती महिला बच्चे को जन्म देती है तो स्थान से पीले रंग का दूध निकलता है. यह बच्चों में प्रोटीन और एंटीबॉडी का संचार करता है. यह नए बच्चों के लिए एक वरदान की तरह होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि मां के दूध का रंग भी अलग अलग होता है. आमतौर पर तो ब्रेस्ट मिल्क का रंग सफेद पीला या फिर क्रीम कलर का होता है. लेकिन अगर आप अलग-अलग रंगों के मां के दूध के बारे में नहीं जानते तो फिर आप यह लेख जरूर पढ़ें.
सफेद रंग
Breast Milk Facts : 100 में से 80 माताओं के दूध का रंग सफेद या क्रीम होता है. कई बार यह ऑफ व्हाइट भी हो सकता है तो कई बार इसका रंग क्लियर भी हो सकता है. हालांकि डॉक्टरों के अनुसार दूध का रंग भी डिलीवरी के बाद समय के साथ बदलता रहता है. दूध का रंग गाढ़ा सफेद तब होता है जब महिलाओं के ब्रेस्ट से मेच्योर मिल्क निकलना शुरू हो जाता है. डॉक्टरों के अनुसार मेच्योर मिल्क तैयार होने में कम से कम 2 सप्ताह का समय लगता है. इसे डॉक्टरों की भाषा में हाइंड मिल्क कहते हैं. डॉक्टरों का यह भी कहना है कि जब महिलाएं लगातार स्तनपान कराती है तो दूध में फैट की मात्रा बढ़ जाती है जिस कारण इसका रंग गाढ़ा सफेद या फिर हल्का पीले रंग का हो जाता है.
ऑरेंज दूध
Breast Milk Facts : अब आपको यह सुनकर थोड़ा आश्चर्य लगेगा लेकिन कई महिलाओं के ब्रेस्ट से ऑरेंज या फिर येलो रंग का दूध भी निकलता है. इसे देखकर परिवार वालों के साथ ही महिलाएं भी डर जाती है लेकिन आपको बता दें कि इसमें घबराने की कोई बात नहीं होती. डॉक्टरों के अनुसार कुछ महिलाओं के दूध का रंग ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें beta-carotene काफी मात्रा में मौजूद होता है. बता दें कि यह एक पिगमेंट है जो आम तौर पर गाजर, शकरकंद और अलग-अलग तरह की शिमला मिर्च में पाया जाता है. प्रेगनेंसी के दौरान आमतौर पर डॉक्टर महिलाओं को गाजर और शकरकंद खाने को कहते हैं और इसके ज्यादा सेवन से ही दूध का रंग ऑरेंज दिखाई देता है.
नीला दूध
Breast Milk Facts : कुछ माताओं के ब्रेस्ट से नीला रंग का दूध भी निकलता है. इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिस पर हैरान किया जाए. पुराने समय में कुछ लोग कहते थे कि नीला रंग का दूध बच्चों को सेवन नहीं करना चाहिए. हालांकि डॉक्टर इससे विपरीत मानते हैं उनका कहना है कि नीले रंग या फिर मां का दूध किसी भी रंग का हो बच्चों के लिए हमेशा पौष्टिक और फायदेमंद ही होता है. इस बार डॉक्टरों का कहना है कि कुछ महिलाओं में शायद की कमी होती है और इलेक्ट्रोहाईड्रैट ज्यादा मात्रा में होती है. इसी कारण कुछ महिलाओं के दूध का रंग नीला पड़ जाता है.
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हरा, पिंक या रेड, ब्राउन और फिर काला
Breast Milk Facts : अगर हम आपको कहीं की मां के दूध का रंग हरा, पिंक या रेड, ब्राउन और फिर काला भी होता है. तो यह सब सुनकर आपको आश्चर्य लगेगा. लेकिन यह पूरी तरह से सच है. हम एक बार फिर से स्पष्ट कर दें की सभी तरह के रंगों के मां का दूध पौष्टिक होता है. अलग-अलग दूध का रंग होने के पीछे का कारण खानपान है. एक महिला जैसा खाना खाती है वैसा ही उसका दूध तैयार होता है. इसीलिए यदि कोई महिला किसी खास चीज को लगातार खा रही है तो उसके दूध के रंग में उसका असर ज्यादा देखने को मिलता है.
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