Koo’s Spiritual Journey : देश की अपना मेड-इन-इंडिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू ऐप (Koo App) इन दिनों तेजी से लोगों का पहली पसंद बनता जा रहा है. लोग इस एप को यूज करने के बाद काफी अपनत्व फील कर रहे हैं. ऐसे में कंपन्नी भी खुद को भारतीयों के लिए एक नया और हट के प्लेटफॉर्म देने के पूरे प्रय़ास में है. ऐसे में कू द्वारा ‘इंडिया स्पिरिचुअल जर्नी’ यानी भारत की आध्यात्मिक यात्रा अभियान शुरू किया है.
इस अभियान के माध्यम से भक्तों को भारत के मंदिरों और आध्यात्मिक केंद्रों से डिजिटल रूप से जोड़ने में सक्षम बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इस यात्रा के पहले चरण में 4000 किलोमीटर की दूरी तय होगी और ये उत्तराखंड के प्रमुख मंदिरों और आध्यात्मिक केंद्रों को डिजिटल रूप से भक्तों के करीब लाएगा.
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Koo’s Spiritual Journey : बता दें कि ये पहला मौका है जब भारत में किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा अपनी तरह की यह पहल की गई है. पिछले दो वर्षों में महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन और मंदिरों के अस्थायी रूप से बंद होने के कारण सोशल मीडिया पर ई-दर्शन में जबर्दस्त तेजी देखने को मिली.
इंटरनेट पर अध्यात्म और इससे जुड़े विषय सबसे अधिक खोजे जाने वाले टॉपिक्स में से एक होने के चलते यह अभियान आध्यात्मिक गुरुओं और मंदिर ट्रस्टों को पूरे भारत में भक्तों के साथ जोड़ने, अपडेट देने और उनकी मूल भाषा में अनुयायियों के साथ रीयल टाइम में जुड़ने में सशक्त बनाएगा.
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Koo’s Spiritual Journey : इस अभियान के तहत बाइकिंग के शौकीन और कू ऐप के एक कर्मचारी प्रतीक खेड़कर मध्य प्रदेश से उत्तराखंड तक 4,000 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे. प्रतीक कू ऐप की ऑपरेशन टीम से जुड़े हुए हैं और वह हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ सहित इस हिमालयी राज्य के प्रमुख तीर्थ स्थलों का दौरा करेंगे. उनकी यह यात्रा गौरीकुंड में समाप्त होगी,
जो केदारनाथ ट्रेक का आधार शिविर है. इस अभियान को उत्तराखंड पर्यटन से समर्थन मिला है और इसका मकसद प्रदेशभर में मंदिर ट्रस्टों और आध्यात्मिक केंद्रों को मौजूदा दुनिया में बदलाव लाने वाली सोशल मीडिया की क्रांति का इस्तेमाल करने में मदद करना है.’इंडिया स्पिरिचुअल जर्नी’ को धीरे-धीरे पूरे भारत के तीर्थस्थलों तक बढ़ाया जाएगा.
Koo’s Spiritual Journey : बता दें कि स्वामी अवधेशानंद गिरि, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, सद्गुरु जग्गी वासुदेव जैसे प्रमुख गुरुओं सहित कू ऐप के मंच पर 100 से अधिक वेरिफाइड आध्यात्मिक खाते मौजूद हैं. पिछली तिमाही में मंच पर आध्यात्मिकता से जुड़े खातों में 50 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. आध्यात्मिक गुरु मंच की अनूठी बहुभाषी विशेषता का लाभ उठाकर स्थानीय भाषाओं में अपने फॉलोअर्स के साथ सक्रिय रूप से चर्चा और कू पोस्ट करते हैं.
यह फीचर वर्तमान में प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विभिन्न भाषाओं में संदेशों के रीयल-टाइम अनुवाद की सुविधा प्रदान करता है, जिससे इसकी पहुंच में वृद्धि होती है. चैट रूम और लाइव फीचर मंदिरों और भक्तों के बीच डिजिटल जुड़ाव बढ़ाने में मदद करते हैं. भारत में किसी भी अन्य माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म की तुलना में कू ऐप पर 47 प्रतिशत से अधिक आध्यात्मिक खातों में ज्यादा फॉलोअर्स हैं.
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Koo’s Spiritual Journey : कू के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्राचीन संस्कृतियों और परंपराओं से समृद्ध भूमि के रूप में भारत सदियों पुराने मंदिरों का घर है जहां भक्त शांति चाहते हैं. इस अभियान के साथ, हमारा उद्देश्य एक आध्यात्मिक सामाजिक नेटवर्क बनाना है जहां गंभीर चर्चाएं सुनी जाती हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से ‘डिजिटल रूप से उपलब्ध’ होने के कारण मंदिर और आध्यात्मिक केंद्र अब भक्तों के साथ आसानी से जुड़ सकते हैं और चर्चा कर सकते हैं.
समय के साथ कू ऐप ने एक मजबूत आध्यात्मिक समुदाय विकसित किया है जहां यूजर्स आध्यात्मिकता से संबंधित तस्वीरों, वीडियो और टेक्स्ट के माध्यम से अपने विचार व्यक्त और शेयर कर सकते हैं या प्रेरक वाक्य दे सकते हैं. भारत की आवाज का लोकतंत्रीकरण करने वाले एक बहुभाषी मंच के रूप में, हम ‘भारत की आध्यात्मिक यात्रा’ शुरू करने के लिए उत्साहित हैं और हमें विश्वास है कि यह अभियान मंदिरों और भक्तों दोनों को दुनिया को नए आकार देने वाले डिजिटल बदलाव में भाग लेने में सक्षम बनाने में एक लंबा सफर तय करेगा.
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