सिब्बल ने कहा- बुलडोजर से तोड़-फोड़ रोकें, SC बोला हो नहीं सकता…

Jahangirpuri Bulldozer SC

नई दिल्ली। Jahangirpuri Bulldozer SC : जहांगीरपुरी इलाके में बुलडोजर से अवैध मकानों और दुकानों पर की गई कार्रवाई पर मामला गरम हो उठा है. इस मामले में आज भी सुनवाई ही रही थी जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कई तर्क रखे. सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल नेकुच ऐसी मांगें भी रख दी जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा तो नहीं किया जा सकता. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट से सिब्बल ने कहा कि देशभर में बुलडोजर की कारवाई पर रोक लगा देनी चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मांग तार्किक नहीं है और इसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता. सर्वोच्च अदालत ने साफ तौर पर कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई जा सकती और इसके लिए बुलडोजर की आवश्यकता तो पड़ेगी ही.

Jahangirpuri Bulldozer SC : सुप्रीम कोर्ट के जवाब के बाद इस स्थिति को संभालते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि कम से कम जहांगीरपुरी के लिए तो रोक लगनी चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी तो मामला शुरू हुआ है देखते हैं. यहां बता दें कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 सप्ताह के बाद होने वाली है. तब तक के लिए कोर्ट में जहांगीरपुरी में दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई पर रोक लगा रखी है. बुलडोजर पर रोक लगाने से सीधे तौर पर इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम इस देश में विध्वंस नहीं रोक रहे हैं जो ऐसी मांग उठ रही है.

 

Jahangirpuri Bulldozer SC : कपिल सिब्बल का कहना था कि तोड़फोड़ के लिए बुलडोजर का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तोड़फोड़ और क्या चीज से की जा सकती है आप बता दें इसके लिए तो हमेशा बुलडोजर का ही प्रयोग हो सकता है. सिब्बल ने कहा कि यह सिर्फ जहांगीरपुरी की बात नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गंभीर समस्या बन गई है. उन्होंने कहा कि जब भी इन दिनों कम्युनल राइट्स होते हैं तो एक समुदाय को निशाना बना कर बुलडोजर का प्रयोग किया जाने लगा है जो की गलत है.

Jahangirpuri Bulldozer SC : बाकी दूसरे राज्यों में भी जग जुलूस निकलता है और झगड़े होते हैं तो फिर बुलडोजर भेज दिया जाता है. उन्होंने कहा कि आज के समय में राजनीति कार फैसले लेने लगे हैं जिसके कारण न्याय नहीं मिल रहा. सिब्बल ने कहा कि मामले की जांच और मामले के कोर्ट पहुंचने के पहले ही इलाके में बुलडोजर भेज दिया जाता है. ऐसे कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है और क्या यह गलत नहीं है. कोर्ट ने कहा कि हमने न्याय को सही तरीके से स्थापित करने के लिए ही जहांगीरपुरी में बुलडोजर के प्रयोग पर रोक लगाई है. अगर किसी ने अवैध कब्जा कर रखा है तो उस पर सरकार तो कार्रवाई करेगी ही. लेकिन हां अगर यह कार्रवाई बदला लेने के कारण की जा रही है या फिर राजनीतिक फायदा उठाने के लिए की जा रही है तो फिर गलत है.

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Jahangirpuri Bulldozer SC : अब इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में 2 सप्ताह के बाद सुनवाई शुरू होगी. बता दें कि दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी. इसके बाद जब पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गई थी तो पुलिस पर भी पथराव हुआ था. पुलिस ने मुख्य आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी की NSA लगाया है. इसके बाद जमियत उलेमा ए हिंद और माकपा नेता द्वारा माकपा नेता द्वारा याचिका दायर की गई थी. इस मामले की पहली सुनवाई बुधवार को होनी थी, लेकिन इसके पहले ही बुलडोजर पहुंच गया और तोड़ फोड़ शुरू कर दी गई. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जानबूझकर एक वर्ग को निशाना बनाकर यह कार्रवाई की गई.

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