हमें गर्व है मोदी जी-हम दुनिया का सबसे महंगा LPG खरीदते हैं…

How To Proud : 2014 में मोदी सरकार के बनने के बाद लोगों को एक बात के लिए जरूर जोर दिया गया है. वह बात यह है कि हमें भारतीय होने पर गर्व करना चाहिए. इस बात के लिए भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार पूरा प्रयास करती रही है. हालांकि देश के किसी भी नागरिक को इस बात से गर्व करने में एतराज नहीं होगा कि हम भारत से नाता रखते हैं. इसके पीछे का कारण देश का गौरवशाली इतिहास है और इतिहास में घटित हुई कई ऐसी घटनाएं हैं जो हमें गौरांवित महसूस कराती हैं. परेशान मत होइए हम आपको भारत का गौरवशाली इतिहास एक बार फिर से याद नहीं दिलाना चाहते. हम बस जाते हैं तो इतना की आखिर आज के इस भारत और सरकार पर हम किस तरह गर्व करें इसका सुझाव हमें पाठक ही दें.

How To Proud : यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण पीएम मोदी ने कहा था कि जरूरत की चीजें महंगी हो सकती है. अब यह बात तो किसी को भी समझ आ जाएगी कि यह स्वाभाविक है.  क्या आप को मोदी सरकार ने यह बताया कि दुनिया का सबसे महंगा एलपीजी सिलेंडर भारतीय खरीदते हैं. अगर नहीं तो इस रिपोर्ट को पूरी पढ़ें और खुद समझें कि हमें भारतीय होने पर गर्व महसूस करना चाहिए या नहीं. पिछले कुछ महीनों में देश भर में पेट्रोल डीजल की कीमत और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों को लेकर लगातार राजनीति और प्रदर्शन हो रहा है. कीमतों में हो रही बढ़ोतरी काफी हद तक अंतर्राष्ट्रीय बाजार को देखते हुए समझ में आता है. लेकिन जब इसका दूसरा पक्ष दिखाई देता है तो हैरानी होती है क्योंकि यह समझ नहीं आता.

How To Proud : भारत की करेंसी के हिसाब से अगर चीजों को समझना चाहे तो पूरी दुनिया में पेट्रोल डीजल के मामले में हम आठवें स्थान पर हैं. मतलब यह कि हम से ऊपर साथ और देश ऐसे हैं जो अपने नागरिकों को इससे ज्यादा दामों में पेट्रोल डीजल उपलब्ध करा रहे हैं. यहां तक तो बात कर ही समझ आती है लेकिन परचेसिंग पावर के हिसाब से यदि देखें तो भारत में प्रति किलोग्राम एलपीजी की कीमत दुनिया में सबसे ज्यादा है. यह भी तब जब मोदी सरकार और उनके मंत्री अपनी विदेश नीति के लिए खुद को पीठ थपथपाते फिरते हैं. तो आपको हम एक बार फिर से पूछते हैं कि क्या आपको इस बात पर गर्व हो रहा है.

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How To Proud :

How To Proud : भारत में 3.5 करोड़ का एलपीजी का परचेसिंग प्राइस है. लोगों की बात करें तो प्रतिदिन लोगों की आय का 15.6% हिस्सा एलपीजी में खर्च होता है. अब इसके पीछे का कारण समझाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम सब भारतीय हैं और हमारे घर पर जो भोजन बनता है हम उसे ही खाते हैं. कहने का मतलब यह है कि पश्चिमी देशों की तरह भारत में बाजारों में खाना खाने की प्रवृत्ति उतनी नहीं है. यही कारण है कि दुनिया में एलपीजी गैस की सबसे ज्यादा डिमांड भारत में होती है. भारत के बाद तुर्की, फिजी मेलडोवा और फिर यूक्रेन का नंबर आता है.

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