नई दिल्ली । Imran Khan’s Resign : इसमें कोई शक नहीं है कि इमरान खान पाकिस्तान के सबसे बड़े क्रिकेटरों में से एक रहे हैं. उन्होंने अपने देश को पहली बार वर्ल्ड कप विजेता बनाया था यही कारण है कि पाकिस्तान इमरान को हमेशा एक महान क्रिकेटर के रूप में देखा जाता है. यह और बात है कि शायद इमरान पाकिस्तान के महान राजनेताओं में नहीं गिने जाएंगे. पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान की राजनीति में जो कुछ भी हुआ है वह पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है.
Pakistani lawmakers convened Monday to choose a new prime minister, capping a tumultuous week of political drama that saw the ouster of Imran Khan as premier and a constitutional crisis narrowly averted after the country’s top court stepped in. https://t.co/J1GEv2jKul
— PBS NewsHour (@NewsHour) April 11, 2022
Imran Khan’s Resign : इमरान खान ने खुलकर अपनी सरकार खोने के पहले अमेरिका पर जोरदार हमले किए. उन्होंने सीधा सीधा अमेरिका का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि विदेशी ताकतों के कारण उनकी सत्ता चली गई है. इमरान खान द्वारा लगाए गए इस आरोप के बाद एक राजनैतिक हंगामा शुरू हो गया. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि क्या सच में ऐसा हो सकता है या कभी हुआ है… आखिर इमरान के दावों में कितनी सच्चाई हो सकती है.
Chairman PTI @ImranKhanPTI’s resignation as MNA from the seat of National Assembly NA-95. #امپورٹڈ_حکومت_نامنظور pic.twitter.com/zyFAehX0W5
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Imran Khan’s Resign : इमरान खान के लगाए गए आरोपों को अमेरिका सिरे से खारिज करता आया है. हालांकि इमरान खान ने जो दस्तावेज पेश किए हैं उसके अनुसार उन्होंने कहा है कि यह एक आधिकारिक दस्तावेज है जिसमें कहा गया है कि यदि इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहते हैं तो अमेरिका से उसके रिश्ते दिन पर दिन खराब होंगे. आपको( पाकिस्तान) परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसे आप इमरान खान की नजरों से भविष्य की राजनीति, फिर जनता के दिल में सहानुभूति पैदा करने वाले कदम के रूप में देख सकते हैं. मान भी लिया की ये इमरान की राजनीति होगी लेकिन अमेरिका को पूरी तरह से पाक साफ नहीं बताया जा सकता. इसके पीछे का कारण अमेरिका का इतिहास रहा है.
“We will do whatever Imran Khan decides. Yesterday was just a trailer, Imran Khan is yet to step in ground”-@Hammad_Azhar #امپورٹڈ_حکومت_نامنظور pic.twitter.com/V5ezlKHaqV
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Imran Khan’s Resign : लातिनी अमेरिका और अफ्रीका में अनेक सरकारों के समय और भविष्य अमेरिका ही निर्धारित करता रहा है. अर्जेंटीना मेरी पहली निर्वाचित समाजवादी सल्वाडोर कि सरकार को अमेरिका के इशारे पर ही बेदखल कर दिया गया था. ओयेंदे की हत्या राष्ट्रपति निवास में हीं कर दी गई थी. वेनेजुआ मैं भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था चाहा समाजवादी मुदुरु सरकार के खिलाफ अमेरिकी इशारे पर विपक्ष की भूमिका की चर्चा जोरों पर हुई थी.
Imran Khan’s Resign : इसका एक उदाहरण यूक्रेन के रूप भी लिया जा सकता है. इसका सीधा सा अर्थ यह है कि लोकतंत्र के नाम पर अमेरिका हमेशा से छोटे देशों में सरकार बैठाने और हटाने का खेल खेलता रहा है. मतलब ये है कि जो सरकार अमेरिका को फायदा देगी वहीं सरकार उस देश में राज करेगी.मतलब साफ है कि विदेशी साजिशों और दखल अंदाजी को पूरी तरीके से नकारा नहीं जा सकता है. दूसरी और इल्जाम भी वो लगा रहा है जिसके सच और झूठ में कुछ ज्यादा अंतर नहीं होता है. ऐसे में कोई शक नहीं है कि इमरान खान और अमेरिका के दावों का खंडन के बीच कोई पुख्ता तौर पर यह नहीं कह सकता कि सच्चाई क्या है. आप इस बात की उम्मीद लगाकर भी नहीं बैठ सकते कि आने वाले समय में आपको सारी सच्चाई पता चलेगी. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है कि पाकिस्तान में तख्तापलट हो चुका है. अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो अमेरिका जैसे देश जो महाशक्ति है उंगली उठाना आसान नहीं होता.
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The people of Pakistan were, are and will always stand with Imran Khan. 🇵🇰#امپورٹڈ_حکومت_نامنظور pic.twitter.com/Fl5BrOQTPL
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Imran Khan’s Resign : बात करें अमेरिका की तो 1990 के बाद से दुनिया में सिर्फ और सिर्फ अमेरिका की ही धांधली चली है. अमेरिका ने जो कुछ भी कहा दुनिया के सारे देशों ने सर झुका कर मान लिया है. लेकिन पिछले 10 सालों में हालात बदल गए हैं और धीरे-धीरे चीन और रूस की बढ़ती आर्थिक ताकत में विश्व की राजनीति ने हलचल पैदा कर दी है. कोरोना हालातों ने भी अमेरिका की कमर तोड़ी जिस कारण उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. यही कारण है कि महाशक्ति का रहने वाला या देश आज रूस और यूक्रेन के बीच में सिर्फ अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहा है. ऐसे में आने वाले समय में अमेरिका के लिए स्थिति और भी ज्यादा भयावह हो सकती है क्योंकि रूस की बढ़ती ताकत अमेरिका का सुपरपावर टैग ले सकती है.
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