उमा और शिवराज के ह्रदय में बैठे राम

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मध्यप्रदेश | बीते कुछ दिनों के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chouhan) चौहान और भाजपा सांसद उमा भारती एक दूसरे से खफा नजर आ रहे थे लेकिन कल एक मंच पर दोनों के गीले शिकवे दूर हो गए. कल राजा राम की नगरी ओरछा में रामनवमी के मौके पर गौरव दिवस मनाया गया जिसमे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती आमंत्रित थे. इस मौके पर दोनों नेताओ ने गर्मजोशी से एक दूसरे का अभिवादन किया और तारीफ में कसीदे पढ़े. इस मौके पर दोनों नेताओं न केवल मंच शेयर किया बल्कि बेतवा नदी के कंचना घाट पर आरती में भी साथ नजर आए.इस दौरान शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह भी मौजूद थी.

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शिवराज पर भड़की थी उमा

ज्ञात हो की भाजपा सांसद उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी के मुद्दे पर शिवराज सिंह (Shivraj Singh) पर लगातार हमलावर थी और इस मुद्दे पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. उमा भारती ने शिवराज सिंह पर आरोप भी लगाया की मुझे अपनी बहन कहने वाले भाई शिवराज सिंह ने बीते समय से अनबोला कर लिया है. इन सब बातो के आधार पर मध्य प्रदेश की राजनीती में उमा को शिवराज का प्रतिद्वंदी माना जा रहा था और दोनों के बिगड़े सम्बन्धो की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही थी लेकिन कल ओरछा में जिस तरह से दोनों ने खुले मन से एक दूसरे की तारीफ की उसके बाद माना जा रहा है की अब इन दोनों क रिश्तो में जमी बर्फ पिघल चुकी है.

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ट्विटर पर भी अपनी गलती मान चुकी है उमा

शिवराज सिंह (Shivraj Singh) पर बातचीत न करने का आरोप लगाने के बाद उमा भारती ने कुछ दिन बाद एक और ट्वीट किया था जिसमे उन्होंने बताया था की उनसे शिवराज सिंह को समझने की भूल हुई है. उमा ने लिखा की मेरे उन पर अनबोला रहने का आरोप लगाने के बाद तुरंत शिवराज सिंह का कॉल आया और काफी देर बातचीत हुई.

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शिवराज बयानबाजी से दूर अपनी बात डटे रहे

उमा के शिवराज (Shivraj Singh) पर लगातार हमलावर होने के बाद शिवराज सिंह ने उमा भारती के ऊपर तो कोई व्यक्तिगत हमला नहीं किया लेकिन लगातार दो मंचो से नई शराब निति का समर्थन कर स्प्ष्ट कर दिया की वो अपनी बात पर अडिग है. जिसके बाद उमा भारती के तेवर थोड़े नरम पड़े और उसके बाद शिवराज सिंह पर कोई व्यक्तिगत हमला नहीं किया.

हासिये पर धकेले जाने से परेशान है उमा

उमा भारती मध्य प्रदेश की राजनीती में एक बड़ा चेहरा है लेकिन अब ऐसा कहा जाता है कि बीते कुछ साल से उन्हें मध्य प्रदेश की राजनीती में साइडलाइन कर दिया गया है. उमा को अपनी बहन कहने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद उन्हें पहले के जितना तवज्जो नहीं दे रहे है.वही ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने से उनका भाजपा में दखल बढ़ा है और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का केंद्र में कद बढ़ना भी उमा की अनदेखी का एक कारण है.इस लिए उमा भारती नए शराब कानून को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमलावर हुई थी लेकिन कल ओरछा से जिस तरह के संकेत मिले उसके बाद माना.

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