जयपुर | Rajasthan Ramayana Connection : आम लोगों में यह धारणा प्रचलित है कि तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना सरयू तट पर की थी. बहुत कम लोग ही यह जानते है कि तुलसीदास ने रामचरित मानस लिखने के पहले और बाद में उन स्थानों का भी भ्रमण किया था जहां-जहां से भगवान राम से जुड़े तथ्य मौजूद थे. कहा जाता है कि इस दौरान महर्षि तुलसीदास का जयपुर प्रवास भी हुआ था. इस दौरान वे रामचरित मानस के महत्वपूर्ण भाग अयोध्या कांड की रचना कर रहे थे. तुलसीदास गलता तीर्थ के संत नाभादास के अतिथि बनकर गलता आये थे और यहां लगभग तीन वर्ष रहकर अयोध्या कांड की रचना की।
प्रसिद्ध साहित्यकार सीतारान झालानी ने भी की है चर्चा
Rajasthan Ramayana Connection : पन्द्रहवी शताब्दी में संत नाभादास ने अपने विख्यात ग्रंथ “भक्तमाल” की रचना की जिसकी अब तक ढेरो टिकाएं लिखी जा चुकी हैं. इसी भक्तमाल के ऊपर सोलहवीं शताब्दी में महान संत प्रियादास ने भक्ति रस बोधनी के नाम से एक टीका लिखी जो कि काफी प्रसिद्ध है. रीवा नरेश रघुराज सिंह ने भी भक्तमाल पर एक टिका प्रकाशित की और इसी में गोस्वामी तुलसीदास जी के जयपुर प्रवास का उल्लेख मिलता है. इसका जिक्र राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार सीतारान झालानी के पुस्तक में भी मिलता है. जहां उन्होंने इस बात दावा किया है कि तुलसीदास ने अयोध्या कांड की रचना यहीं की थी.
जयपुर से पुष्कर की पैदल यात्रा
Rajasthan Ramayana Connection : उन्होंने अपनी पुसतक में ये भी कहा है कि अपने जयपुर प्रवास के दौरान तुलसीदास ने जयपुर से पुष्कर की पैदल यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने जयपुर शहर से सटे बगरू के निकट बडके बालाजी मंदिर की स्थापना की थी. उन्होंने इस मंदिर की स्थापना अपने हाथों से की थी. यहां रहने वाले लोगों में भी इस तरह की बातें काफी प्रचलित है. बता दें कि पूरे भारत में अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग रामायण पढ़ी लिखी और बोली जाती रही है.
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देश में प्रचलित हैं कई रामायण
Rajasthan Ramayana Connection : सभी स्थानों में जो रामायण मिलती है उनका केंद्र राम और रावण के बाच की लड़ाई और सीता हरण ही है. लेकिन इस सभी में कुछ एक अंतर देखने को जरूर मिलते हैं. हालांकि तुलसीदास की रामचरित मानस काफी लोकप्रिय है और लगभग हर घर में मिलती है. अगर आप दक्षिण भारत जाएं तो वहां भी आपको रामायण देखने को मिलेगी और इसके पात्र और उनकी विशेषता तुलसीदास रचित रामचरित मानस से अलग हो सकती है.
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