राजस्थान | Jai Singh Prabhakar : अलवर के महाराजा जय सिंह प्रभाकर का रोल्स रॉयल कम्पनी की हेकड़ी निकालने का किस्सा तो अपने जरूर सुना होगा लेकिन एक ठग की भी उन्होंने गजब की तरकीब से हेकड़ी निकाली।
अलास्टर नाम का एक अंग्रेज ज्योतिष उस समय बहुत पहुंची हुई शख्सियत बन गया था। राजपुताना के राजाओं की रहीशी के किस्से जब उसने लंदन में सुने तो वह ज्योतिष बनकर हिंदुस्तान आ गया और राजाओं को उनका भविष्य बताते लगा।इस तरह के हथकंडे अपनाकर अलास्टर इतना अमीर हो गया कि बम्बई के रहीश लोगो मे गिना जाने लगा।
उन दिनों चैंबर ऑफ प्रिंसेस के चांसलर का चुनाव होना था और अलवर के महाराजा की चान्सलर बनने की इच्छा थी।किसी मंत्री ने सलाह दे डाली कि एक बार अलास्टर को बुलवाकर भविष्य जान लिया जाए उसके बाद दावेदारी ठीक रहेगी। बम्बई में रह रहे अलास्टर को तुरंत एक तार भेजकर अलवर हाजिर होने को कहा गया।
Jai Singh Prabhakar : अलास्टर अलवर के महाराजा की रहीशी ओर दरियादिली से परिचित था। तार मिलने के बाद उसकी खुशी का ठिकाना नही रहा।बिना देर किए अलास्टर ने बम्बई से अलवर यात्रा खर्च सहित अन्य सुविधाओं के लिए हजार रुपये रोज के हिसाब से भत्ता मांग लिया और अलवर पहुंच गया।
जब अलास्टर अलवर पहुंचा तो रेलवे स्टेशन पर उसे लेने कोई नही आया जबकि उसने अपने आने की सूचना पहले ही महाराजा के निजी सचिव को भिजवा दी थी।कई मील पैदल चलने के बाद अलास्टर को एक घोड़ा गाड़ी किराए पर मिली लेकिन महाराजा के गेस्ट हाउस पहुंचने के बाद अलास्टर को पता चला कि यहाँ उसके रुकने की कोई व्यवस्था नही है। इत्तेफाक से अलास्टर की मुलाकात अलवर के वित्त मंत्री आर सी खन्ना से हो गई।जब खन्ना को अलास्टर की परेशानी का मालूम हुई तो वह उसे अपने घर ले आये।
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Jai Singh Prabhakar : अलास्टर रोज राजमहल और महाराजा के निजी सचिव के घर चक्कर लगाता रहा मंत्रियों की चापलूसी करता रहा लेकिन महाराजा से उसकी मुलाकात नही हो पाई और इसी सिलसिले में कोई तीन महीने निकल गए। हजार रुपये रोज के हिसाब से अलास्टर का भत्ता भी एक लाख से ऊपर पहुंच गया लेकिन अभी तक उसे किराए का खर्चा तक नही मिला था। अलास्टर महाराजा के आदेश के बिना वापस बम्बई जाने की हिम्मत भी नही कर सकता था क्योंकि जय सिंह प्रभाकर के सनकी स्वभाव से हर कोई परिचित था। महाराजा इस हद के सनकी थे कि एक बार माउंट आबू में पोलो खेलते वक्त उनका घोड़ा गलत मुड़ गया तो उन्होंने घोड़े की बुरी तरह मार लगाई और तीन दिन तक चारा पानी बन्द कर देने का आदेश दे दिया।
Jai Singh Prabhakar : तीन महीने बाद अलास्टर के पास एक संदेश आया कि आज महाराजा उससे मुलाकात करेंगे तो सज धजकर अलास्टर राजमहल पहुंचा।जब वह दरबार के सामने हाजिर हुआ तो झुककर ताजीम दी और कहा कि योर हाइनेस मैं आपका भविष्य बताने के लिए हाजिर हुआ हूँ लेकिन मुझे नही पता था कि आपकी रियासत में आने के बाद मुझे इतनी विकट परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
सिंहासन बैठे महाराजा ने अलास्टर को कहा कि मुझे तुमसे कोई भविष्य नही जानना।जब तुम्हे अपनी किस्मत का ही नही पता कि यहाँ आने के बाद इतनी दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी तो तुम मेरा क्या भविष्य बताओगे।
अलास्टर को बिना किसी भत्ते और पुरस्कार के वापस बम्बई जाने का आदेश दे दिया गया।
यह घटना राजपुताना सहित देशभर की बाकी रियासतों में पहुंची तो अलास्टर ने राजाओं और नवाबो का भविष्य बताकर जो नाम और शोहरत कमाई वह मिट्टी में मिल गई।
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