क्रिकेट डेस्क। आईपीएल (IPL) सीजन 15 का जादू दर्शको के सिर चढ़कर बोल रहा है। जैसे -जैसे आईपीएल (IPL) अपने पन्द्रहवें सीजन में पहुंचा है यह और भी ज्यादा रोचक होता गया है।
लेकिन क्या आपको आईपीएल (IPL) के शुरू होने की रोचक कहानी मालूम है।
साल 2007 में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष पद पर ललित मोदी काम कर रहे थे और आईपीएल (IPL) जैसा इवेंट उन्ही के दिमाग की उपज है। जब साउथ अफ्रीका में पहले T-20 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट की घोषणा हुई तो क्रिकेट के इस नए फॉर्मेट में तेज दिमाग ललित मोदी ने बिजेनस माइंड दौड़ा दिया।
मोदी की जेब मे 25 मिलियन का चेक
जब ललित मोदी आईपीएल (IPL) के विचार पर काम कर रहे थे तो भारतीय क्रिकेट के बड़े सितारों ने उनका साथ नही दिया।बीसीसीआई के मेम्बर तक ललित मोदी के इस विचार को लेकर उलझन में थे लेकिन बोर्ड के अध्यक्ष शरद पँवार ने मोदी पर भरोषा दिखाते हुए 25 मिलियन का एक चेक काटकर उनकी जेब मे रख दिया। शरद पँवार का साथ मिलते ही उत्साहित मोदी में 13 सितम्बर को एक बड़े कार्यक्रम में इंडियन प्रीमियर लीग की घोषणा कर दी। जिस रात मोदी ने आईपीएल (IPL) की घोषणा करी उसकी अगली सुबह ही भारतीय टीम को पहले T-20 वर्ल्ड कप के लिए साउथ अफ्रीका के लिए कुछ करना था और युवाओं की इस टीम की कमान पहली बार महेन्द्र सिंह धोनी के हाथों में थी।
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धोनी के कप्तान बनने के पीछे एक संयोग
पहले T-20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के लगभग सभी सीनियर प्लेयर ने इस फॉर्मेट को “मिकी माउस” कहकर खेलने से मना कर दिया। ऐसे में सलेक्टर्स के पास अनुभवहीन टीम की कप्तानी के लिए धोनी और युवराज में से किसी एक को चुनना था और टीम सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर को धोनी में अधिक सम्भावनाये दिखी।
पहला मैच पाकिस्तान से
T-20 वर्ल्ड कप में भारत का पहला मैच पाकिस्तान से हुआ और वह मैच भारतीय टीम ने इतने नाटकीय ढंग से जीता की दर्शक रोमांच से भर गए।
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ललित मोदी का सरप्राइज
पाकिस्तान पर जीत के बाद बने माहौल को भुनाते हुए ललित मोदी बिना वक्त गंवाए साउथ अफ्रीका की फ्लाइट पर सवार हो गये और इंडियन टीम के ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर प्लेयर्स को बड़ा सरप्राइज दे दिया।
सरप्राइज के ऊपर एक और सरप्राइज
इंडियन टीम के ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर ललित मोदी ने एक बड़ा अनाउंसमेंट कर दिया कि जो भी प्लेयर छ बॉल पर छ छक्के जडेगा उसे उसकी पसन्द का गिफ्ट दिया जाएगा। टीम प्लेयर ने रोलेक्स घड़ी का सुझाव दिया लेकिन मोदी ने इससे एक दो नही बल्कि दस कदम आगे बढ़कर महंगी चमचमाती पोर्शे कार की घोषणा कर दी।
फिर क्या हुआ
बस दो मैच बाद ही भारत को इंग्लैंड के साथ करो या मरो की स्थिति वाला मैच खेलना था। उसी मैच में युवराज सिंह ने इतिहास बनाते हुए इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड पर धावा बोल दिया और छठा छक्का लांग ऑफ पर जड़ा।दर्शकों की तालियों का शोर थमता तब तक ललित मोदी युवराज को दिखाकर महंगी पोर्शे कार की चाबी युवराज को दिखाकर लहरा चुके थे।
उसके बाद कमाल हो गया
इंग्लैंड पर धमाकेदार जीत के बाद फाइनल में भारतीय टीम के सामने पाकिस्तान की टीम खड़ी थी। सब टिकिट बिक चुके थे।पूरे देश मे बड़े स्तर पर उस मैच का ब्रॉडकास्ट हुआ और अंतिम ओवर के रोमांच से दर्शक झूम उठे। भारतीय टीम चैंपियन बन चुकी थी उससे पहले किसी ने सोचा भी नही था अनुभवहीन लड़को की ये टोली विदेशी धरती पर जाकर ऐसा कमाल कर आएगी।
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फिर दौड़ा मोदी का मार्केटिंग वाला दिमाग
भारत के चैंपियन बनने के बाद T-20 फॉर्मेंट का जादू लोगो के सिर चढ़कर बोल रहा था दूसरी तरफ ललित मोदी अपने सपने सच होते दिख रहे थे। अगली ही सुबह टीम मुम्बई के लिए उड़ान भरने वाली थी और मोदी ने अपना तुरुप का इक्का चल दिया।
ललित मोदी ने बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पँवार को कॉल किया और कहा कि एयरपोर्ट से टीम को खुली गाड़ियों में वानखेड़े ले जाया जाए और वहाँ उनका भव्य स्वागत किया जाए। जैसे ही टीम छ बजे मुम्बई पहुंची तो पूरा महानगर खिलाड़ियों के स्वागत के लिए सड़कों पर आ गया। एयरपोर्ट से वानखेड़े का घण्टे भर का रास्ता आठ घण्टे में पूरा हुआ।
और मोदी ने परफेक्ट गोल कर दिया
T-20 फॉर्मेट को पूरे देश मे पॉपुलर बनाकर ललित मोदी अब इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) आयोजन की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुट गए। मोदी को समझ आ गया कि इससे बेहतर टाइमिंग नही हो सकती। इंडियन क्रिकेट अब अरबो डॉलर के एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखने जा रहा था। देशी विदेशी निवेशकों ने आईपीएल (IPL) में निवेश के नये मौके तलाश लिए।2008 में जब आईपीएल का पहला सीजन शुरू हुआ तो दर्शकों को एक अलग तरह का क्रिकेट मिला।
अपने पन्द्रहवें सीजन तक आईपीएल (IPL) अनेक विवादों में रहा लेकिन उसके बाद भी दर्शकों में आईपीएल (IPL) का जादू सिर चढ़कर बोलता है।