Women’s Entry Cricket : क्रिकेट हमारे लिए हमेशा से एक त्यौहार की तरह होता है और सीजन में एक लोगों पर क्रिकेट का फीवर देखने को मिलता है. इसे शुरू से ही जेंटलमेन्स का गेम कहा जाता है. यह सही भी है क्यों कि जिस देश में क्रिकेट के इस खेल की शुरूईत हुई वहीं भी कभी महिलाओं के साथ इस खेल को नहीं जोड़ा गया. शायद यहीं कारण है कि जहां आज हम ये कहते हैं कि आज महिलाओं के किसी भी क्षेत्र में मर्दों से पीछ नहीं हैं वहीं दूसरी ओर आज भी महिलाओं को सम्मान देने से हम बचते दिखते हैं. पुरुषों के इस खेल में आधी आबादी को हमेशा नजरअंदाज किया गया.
Women’s Entry Cricket : एक समय ऐसा भी था जब क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में महिलाओं को बैठने के लिये अलग दर्शक दीर्घा होती थी. उन्हें पुरुषों के साथ बैठने तक नही दिया जाता था. यहां तक कि लार्डस के “लांग रूम” में महिलाओं का प्रवेश वर्जित था.
धीरे-धीरे क्रिकेट ने अनेक करवटें बदली और समय के साथ परिवर्तन का आभास हुआ. 21 वी सदी में दुनिया बदलने के साथ ही क्रिकेट भी बदला और IPL ने महिलाओं के लिए क्रिकेट के सारे दरवाजे खोल दिये.
Women’s Entry Cricket : अब इस जेंटलमेन्स गेम में टीमो की मालकिन नीता अंबानी और प्रीति जिंटा जैसी महिलाएं थी हैं. क्रिकेट के शॉर्ट फॉर्मेट में चीयर लीडर्स की उपस्थिति ने वातावरण को रंगारंग बना दिया. माहौल को भांफ टेलीविजन चैनल और प्रसारण एजेंसी ने कई हथकंडे अपनाए और मॉडलिंग की दुनिया के चमकते सितारों को क्रिकेट में एक नया मंच मिल गया. मंदिरा बेदी की सफलता को देख दूसरी आकर्षक महिलाओं में क्रिकेट कमेंटरी में हाथ आजमाए और पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया.
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Women’s Entry Cricket : क्रिकेट में IPL से शुरू हुआ महिलाओं का यह सफर विश्व कप जैसे टूर्नामेंट तक जा पहुंचा. उसके बाद क्रिकेट कमेंटरी और एंकरिंग में महिलाओं का एकछत्र राज कायम हो गया. आज क्रिकेट में पुरूष एंकर में शमीर कोचर,गौरव कपूर और युधिष्ठिर अर्स के मुकाबले मंदिरा बेदी,शिवानी डांडेकर, अर्चना विजय,रोशेला मेरिया राव,करिश्मा कोटक,लेखा वाशिंगटन, मयंती लेंगर और शोनाली नागरानी को अधिक पहचाना जाता है.
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