Bundi Maharaja News : 12 वर्षों तक हाड़ा वंश की सबसे पुरानी रियासत बूंदी राज परिवार का सूनापन को खत्म हो गया. 26वें महाराव राजा के तौर पर वंशवर्धन सिंह ने शनिवार को देशभर के कई प्रतिष्ठित राजपरिवारों की मौजूदगी में पाग धारण कर लिया. उन्हें बूंदी रियासत के भाणेज और अलवर महाराजा पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्रसिंह ने पाग धारण करवाया. विक्रमी संवत नव संवत्सर के पावन अवसर पर राजसी परम्पराओं और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वंशवर्धन सिंह का राजतिलक किया गया. अब बूंदी राज परिवार के मुखिया तौर पर वंशवर्धनसिंह पहचाने जाएंगे.
Rajasthan: Tradition will come true in Bundi, Vanshvardhan Singh will wear pag as new Maharao king https://t.co/SLWtLSTWUC
— youthistaan.com (@youthistaan) April 1, 2022
Bundi Maharaja News : सबसे पहले आज उन्होंने सुबह माताजी की चौकी मोती महल में स्नान और अभिषेक किया. इसके बाद वंशवर्धन सिंह ने आशापुरा माता मंदिर, रंगनाथजी मंदिर और मोती महल में सतियों की पूजा अर्चना की. सुबह दस बजे से गणमान्य लोग और आमंत्रित राजपरिवार, ठिकानेदार और पारीवारिक सदस्यों के साथ अतिथियों का आना शुरू हुआ. देखते ही देखते मोती महल प्रांगण श्वेत वस्त्र और केसरिया साफे वाले लोगों से भर गया. ढोल नगाड़ों की धुन के बीच वंशवर्धनसिंह मोती महल गार्डन में आए. इसके बाद रंगनाथजी मंदिर से स्वर्गीय महाराव राजा की पाग लाई गई.
Bundi Maharaja News : राजपुरोहित रमेश शर्मा, राजव्यास साक्षी गोपाल और राज आचार्य दयानंद दाधीच द्वारा करवाई जा रही पारम्परिक क्रियाविधि और मंत्रोच्चार के बीच भंवर जितेन्द्रसिंह ने वंशवर्धन सिंह को पाग धारण करवाया गया. इसके बाद राजपुरोहित रमेश शर्मा ने राजतिलक किया.इसके बाद मौजूद राजपरिवारों की ओर से दस्तूर पेश किया गया. अलवर महाराजा भंवर जितेन्द्रसिंह ने वंशवर्धन सिंह को दस्तूर झिलाया। इसके बाद वंशवर्धन सिंह के ससुराल ठिकाना धनानी के ठाकुर दीपसिंह चम्पावत की ओर से दस्तूर पेश किया. फिर कोटा राजपरिवार की ओर से भेजे गए दस्तूर को भेंट किया गया. इसके बाद वंशवर्धन सिंह के परिवार की ओर से दस्तूर दिया गया. इसके बाद कोटड़ियात और ठिकानेदारों की ओर से दस्तूर, नजर निछरावल पेश की गई. बाद में अलग—अलग समाज के लोगों ने भी नए महाराव राजा वंशवर्धनसिंह को निछरावल पेश की.
Bundi Maharaja News : नए महारावल ने आशापुरा माता मंदिर, मोतीमहल की सतियों को ढोल लगाई. अमरकंद और समरकंद के झरोखे में बैठे और बूंदी के आराध्य रंगनाथजी के मंदिर में ढोक लगाई. इसके बाद पुष्पवर्षा के बीच गढ़ पैलेस की ओर रवाना हुए. वहां पर सतियों, बालाजी व दरबार के खड़ाउं को धोक लगाकर रतन दौलत में नजर दस्तूर कार्यक्रम हुुआ. यहां पर जागीरदारों ने नजर दस्तूर पेश की. इसके बाद शाम को बूंदी शहर में जुलूस निकाल गया. इस आयोजन में बीकानेर के महाराजा रविराज सिंह, पूर्व राज्यपाल एवं बदनौर के महाराज वीपी सिंह समेत कई लोग शामिल हुए.
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Bundi Maharaja News : इस आयोजन में जालोर से आए प्रसिद्ध गेर नर्तकों ने समां बांधा। ढोल—ताशों के बीच मारवाड़ी वेशभूषा में लकड़ियों की थाप और घुंघुरूं की छनक के बीच माहौल में अनूठा सांस्कृतिक रंग घुल गया. इसके साथ ही हर कहीं श्वेत वस्त्रधारी केसरिया साफा पहने लोग नजर आए. तोप के धमाकों के बीच जयकारों ने भी माहौल को अनूठा रंग प्रदान किया. बूंदी के लोगों ने जगह—जगह वंशवर्धनसिंह का स्वागत किया.
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