Pakistan Army Control : इमरान खान का इस्तीफा पिछले कुछ दिनों में खासा चर्चा का विषय है. यह बात लगभग तय है कि पाकिस्तान के पीएम को अपना इस्तीफा देना पड़ेगा. यह तो पूरी दुनिया जानती है कि पाक की सियासत में फौज क्या भूमिका निभाती है. कई लोग पूरे दावे के साथ इस बात को कहते हैं कि पाकिस्तान के आजादी के बाद से अब तक आधे से ज्यादा समय यहां शासन सेना की ही रही है. हालांकि पाकिस्तान खुद इस बात को मानने से इनकार करता रहा है और वह दुनिया के सामने ऐसी छवि रखता है कि उसके देश में अभी भी लोकतंत्र ही है. ऐसे में आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं यह सुनकर आपको भी अजीब लगेगा, लेकिन ये सच है.
Pakistan Army Control : पाकिस्तान के संसद में रखे दस्तावेजों के अनुसार जहां की सेना 50 से ज्यादा बड़े बिजनेस को चलाती है. पाकिस्तान में यदि सेनाइकुल बिजनेस की बात करें तो यह आंकड़ा डेढ़ लाख करोड़ के करीब है. इतना ही नहीं यहां सेना ही सबसे बड़ा बिजनेस हाउस भी है. व्यापार के प्रारूप की बात करें तो पाकिस्तान की सेना पेट्रोल पंप से लेकर बेकरी तक के कारोबार में शामिल है. इसके अलावा पाकिस्तान की आर्मी इंडस्ट्रियल पार्क, स्कूल यूनिवर्सिटी, हौजरी कंपनी डेयरी फॉर्म और सीमेंट प्लांट तक चलाती है.
Pakistan Army Control : इस बात को और अच्छे से समझने के लिए आप पाकिस्तान के सेना कल्याण संगठन का उदाहरण ले सकते हैं. यह संगठन खाने-पीने की चीजों को लेकर कपड़े जूते और बिजली के उपकरण का कारोबार करता है. यदि पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में आप को आइसक्रीम खरीद कर खाते हैं तो यह हो सकता है कि यह भी किसी सेना के कारोबार का एक प्रोडक्ट हो. इतना ही नहीं पाकिस्तान में सरकारी जमीन के नाम पर कुछ नहीं है. बताया जाता है कि पाकिस्तान के से प्रतिशत जमीन पर सेना का अधिकार होता है और सेना की जानकारी के बाहर ना तो आप जमीन खरीद सकते हैं और ना ही बेच सकते हैं.
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Pakistan Army Control : दुनिया भर में इस बात की चर्चा होती है कि पाकिस्तान की सियासत में सेना अप्रत्यक्ष रूप से दखल करती है. लेकिन आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार बैंक और फाइनेंस के सेक्टर में भी पाकिस्तानी सेना का 90% तक का दखल होता है. यहां सेना आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट के नाम से ट्रैक्टर चलाती है जो पाकिस्तान के सबसे बड़े अधिकारी कमर्शियल बैंक में से एक है. यहीं से ज्यादातर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन को कंट्रोल किया जाता है. इतना ही नहीं देश के सबसे बड़े एजुकेशन इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी भी सेना के अंडर ही है. सबसे बड़ी बात आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि पाकिस्तान के 25 पूर्व अफसरों के स्विस बैंक मैं खाते पाए गए हैं. इसमें 80 हजार करोड रुपए से ज्यादा अघोषित संपत्ति के जमा होने की उम्मीद है.
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