नई दिल्ली । देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का ‘ताज’ एक बार फिर से पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के सिर सज गया है। इसे ही कहते है हार कर भी जीतने की बाजीगरी। देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही चार राज्यों में अपना परचम लहरा दिया हो लेकिन उसे उत्तराखंड में अपने सबसे भरोसेमंद नेता और मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की हार होने का जरा भी अंदेशा नहीं था, लेकिन हो भी ऐसा ही गया और दुबारा सीएम पद का सबसे मजबूत दावेदार अपनी ही सीट नहीं बचा सका। लेकिन फिर भी भाजपा ने उसी को विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुन लिया और फिर से राज्य का मुख्यमंत्री पद दे दिया।
भाजपा ने दिया हारे हुए नेता को भी दोबारा अवसर
अब इसे भाजपा में एक नई संस्कृति कहना भी गलत नहीं होगा जहां, हारे हुए नेता को भी दोबारा मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया गया है। राज्य की कमान संभालने वाले पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भले ही मोदी लहर में उत्तराखंड में फिर से कमल खिला दिया हो लेकिन इसका फायदा खुद नहीं उठा सके और खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए। बावजूद इसके भाजपा ने एक बार फिर से उन्हें राज्य की सत्ता पर काबिज कर ही दिया।
ये भी पढ़ें:-लखनऊ सुपर जायंट्स ने IPL 2022 के लिए अपनी जर्सी का अनावरण किया
शपथ ग्रहण समारोह भी हुआ तो ऐतिहासिक और यादगार
पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) का शपथ ग्रहण समारोह भी कोई ऐसे ही नहीं हुआ। बल्कि एक ऐतिहासिक और यादगार साबित हुआ। जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शिरकत की। आपको बता दें कि, पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) उधम सिंह नगर जिले के खटीमा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा सदस्य हैं। उनका पैतृक गांव हरखोला, जिला पिथौरागढ़, उत्तराखंड है। उनके माता-पिता उधम सिंह नगर के खटीमा चले जाने के बाद उनका जन्म खटीमा में हुआ था। उनके पिता सेना में थे और सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
BJP’s Pushkar Singh Dhami takes oath as the Chief Minister of Uttarakhand, in Dehradun. pic.twitter.com/JpG0dBvnmX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 23, 2022
विशेष राजनेता का नेता बनने का कौशल
छोटे से गांव में जन्मे पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) शुरू से ही कुशल नेतृत्व वाले रहे। कहा जाता है ना, बहुत से लोगों में एक विशेष राजनेता का नेता बनने का कौशल होता है। यहीं कौशल पुष्कर सिंह धामी में रहा। जिसके चलते धामी को उत्तराखंड के सबसे कम उम्र का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 45 वर्ष की आयु में वे उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।
ये भी पढ़ें:-सरकार ने कोविड-19 के कारण लगी सभी पाबंदियां हटाई, केवल जारी रहेंगे ये नियम
सीएम पद पर एंट्री भी हुई तो अचानक से
पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) उत्तराखंड के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले उनकी सीएम पद पर एंट्री भी हुई तो अचानक से ही हुई। शायद उन्हें भी इस बारे में पता नहीं होगा कि, वो अचानक से राज्य की सत्ता का काबिज हो जाएंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को किन्ही राजनैतिक कारणों से त्यागपत्र देना पड़ा जिसके बाद पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को 3 जुलाई 2021 को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया और पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने 4 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के 10वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उत्तराखंड की भाजपा में चल रही उठापटक के बीच धामी त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के बाद एक साल में उत्तराखंड के तीसरे मुख्यमंत्री बने।