Current Situation : देशभर के 5 राज्यों में हाल में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए. 5 में से 4 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने आसानी से सरकार बना ली वहीं पंजाब पर कांग्रेस से सत्ता छीन कर आम आदमी पार्टी ने कब्जा कर लिया. इधर, कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को देखते हुए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने भी यह काकर इस्तीफा दे दिया कि आलाकमान जो कहेंगे वह करना होगा. सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ,पंजाब गोवा और मणिपुर पांच स्थानों के पीसीसी अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा था. इसे कांग्रेस अध्यक्ष की बड़ी कार्रवाई कहा जा सकता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की कोई जिम्मेदारी तय नहीं होती.
Current Situation : यह सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव से लेकर इस विधानसभा चुनाव तक प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में खासा समय बिताया है. प्रियंका गांधी का उत्तर प्रदेश पहुंचाने के लिए कांग्रेस ने काफी जोर लगाया था और खूब प्रचार-प्रसार किया था. सोशल मीडिया में उन्हें इंदिरा गांधी के तौर पर दिखाने का हथकंडा भी अपनाया गया था. उसके बाद भी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति पहले से भी बदतर होती दिखाई दे रही है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या मैडम को अपने बच्चों में कमी नहीं दिखाई दे रही और वह प्रदेश अध्यक्षों का इस्तीफा लेकर संतुष्ट हो जाएंगी. सबसे बड़ी बात यह भी है कि क्या इससे पार्टी की स्थिति में सुधार आ जाएगा.
Current Situation : प्रियंका गांधी ने तो फिर भी काफी देर से राजनीति ज्वाइन की थी. राहुल गांधी 2014 के पहले से सक्रिय राजनीति कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने कई बार चुनावों के समय यह माहौल तैयार किया है कि राहुल गांधी जब भी प्रचार के लिए जहां गए हैं वहां कांग्रेस हार गई है. कई उदाहरणों में यह गलत भी नहीं दिखता क्योंकि राहुल गांधी ने खुद के नेतृत्व में कभी भी कोई चुनाव कांग्रेस को जीता कर नहीं दिया है. यही कारण है कि कांग्रेस के अंदर मतभेद भी बढ़ता जा रहा है. आज जी 23 को लेकर कोई कुछ भी बातें क्यों ना कह दे, उनकी मांग को पूरी तरह से नाजायज नहीं बताया जा सकता.
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Current Situation : यह राजनीति है और जब भी राजनीति की बात होती है तो महाभारत का जिक्र होना स्वाभाविक हो जाता है. कौरवों के लाख बुरे बर्ताव को देखने के बाद भी धृतराष्ट्र ने आंखों में पट्टी बांध रखी थी. यही कारण था कि कोरवों का सर्वनाश हो गया. कुछ ऐसी ही स्थिति अब सोनिया गांधी के सामने भी आ गई है. सोनिया गांधी को किसी पर भी विश्वास नहीं रहा यही कारण है कि इतनी दुर्दशा होने के बाद भी कांग्रेस अब नेतृत्व किसी और को नहीं सौंपना चाहेगा. अगर ऐसा ही होता है तो आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी ममता बनर्जी या फिर अरविंद केजरीवाल के पीछे खड़ी हुई दिखाई दे तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए.
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