नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रचंड जीत तो हुई हैं लेकिन फिर भी कुछ तो कमी रह ही गई कि, उसके बड़े-बड़े नेता भी इस मोदी-योगी लहर में अपनी सीट नहीं बचा पाए और विपक्ष ने बाजी मार ली। भले ही भाजपा (BJP) पूर्ण बहुमत से भी ज्यादा सीटें 2022 में ले आई हो लेकिन, 2017 के चुनावों के मुकाबले तो इस बार उसे घाटे का सौदा हुआ है। इसमें भी सबसे चैंकाने वाली तो ये है कि, यूपी भाजपा (BJP) के दिग्गज नेता ही धराशाही हो गए। वो तो शुक्र रहा योगी और मोदी के विकास कार्यों का, जो भाजपा को यहां तक तो ले लाया। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ हुआ है। ऐसे में अब भाजपा (BJP) को इस पर गहरे चिंतन की जरूरत तो जरूर होगी।
सत्ता में काबिज उप मुख्यमंत्री ही नहीं बचा पाए अपनी सीट
यूपी में भाजपा (BJP) की प्रचंड जीत से यूपी ही नहीं अपितु दिल्ली तक के सभी भाजपा (BJP) नेता फूले नहीं समा रहे हैं। लेकिन इस बीच कई दिग्गजों के होश भी उड़े हुए है और उनके यहां तो इस खुशीभरे माहौल में भी मायूसी छाई हुई है। इनमें योगी सरकार में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं। सिराथू में बीजेपी (BJP) के उम्मीदवार केशव प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी की डॉक्टर पल्लवी पटेल ने 7,337 वोटों से पराजित कर दिखा दिया है कि, पार्टी की लहर कोई काम नहीं करती बल्कि किसी की भी विजय उसके कार्यों से होती है। पल्लवी पटेल अपना दल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
सत्तारूढ़ सरकार को प्रचंड बहुमत, फिर भी 11 मंत्रियों के हाथ निराशा
उत्तर प्रदेश में भले ही सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) को प्रचंड बहुमत मिल गया हो, लेकिन विपक्ष की भी तारीफ होनी चाहिए कि उसने सत्ता पर काबिज 11 मंत्रियों को उन्हीं की सीट से नीचे उतार दिया। यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अलावा योगी सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा थानाभवन सीट पर सपा समर्थित राष्ट्रीय लोकदल के अशरफ अली खान से 10 हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गए।
योगी के मंत्रियों पर भारी पड़ गए सपा के उम्मीदवार
योगी सरकार के मंत्रियों पर अखिलेश यादव के उम्मीदवार इस कदर भारी पड़े की उनकी सत्ता ही छीन ली। बरेली की बहेड़ी सीट से राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार सपा के अताउर्रहमान से 3,355 मतों से तो ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा सीट से राम सिंह से 22,051 वोटों से पराजित हो गए। इसके अलावा राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को चित्रकूट सीट पर अनिल कुमार से 20,876 मतों से हार का सामना करना पड़ा है। समाजवादी पार्टी के माता प्रसाद पांडेय ने सिद्धार्थनगर की इटवा सीट पर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी को 1,662 मतों पटकनी दे दी तो गाजीपुर सीट पर राज्यमंत्री संगीता बलवंत समाजवादी पार्टी के जयकिशन से 1692 मतों से हार गई। इसी तरह, राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला बैरिया सीट पर जयप्रकाश अंचल से 12,951 वोटों से तो बलिया जिले की फेफना सीट से खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी संग्राम सिंह से 19,354 वोटों से हार गए। सपा की उषा मौर्या ने फतेहपुर की हुसैनगंज सीट पर भाजपा के मंत्री रणवेन्द्र सिंह धुन्नी को 25,181 वोटों और औरैया की दिबियापुर सीट से राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत को प्रदीप कुमार यादव ने पराजित कर दिया। ऐसे में भाजपा की लहर के बावजूद सत्ता पर आसीन इन मंत्रियों को अपना बोरियां बिस्तर बांधने पर मजबूर होना पड़ा हैं।
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