नई दिल्ली । पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में ‘झाडू’ ने ‘हाथ’ की सफाई कर ही दी। कांग्रेस पर केजरीवाल ने ऐसी झाडू फेरी कि, उसके बड़े से बड़े दिग्गज भी उसकी चपेट में आ गए। लेकिन इन सबके बीच एक और जोरदार झटका कांग्रेस से अलग होकर खुद की नई पार्टी बनाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) को भी लगा है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) भी ‘आप’ की आंधी से बच नहीं पाए और पटियाला से चुनाव हार गए।
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पहले गया सीएम पद, फिर गई पार्टी, और अब…
कभी पंजाब की हुकूमत चलाने वाले और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) को वाकई एक के बाद एक कई झटके लगे हैं। कहावत है ना, जब दिन-मान खराब आते हैं तो… पंजाब के सीएम पद पर रहते हुए कैप्टन साब नवजोत सिंह सिद्धू से विवादों को लेकर सुर्खियों में आ गए और जिसके बाद उन्हें सीएम पद गंवाना पड़ा और पंजाब के सीएम पद की कमान चरणजीत सिंह चन्नी के हाथों में सौंप दी गई। इससे और भी नाराज हुए कैप्टन ने अपने बरसों पुराने संबंध कांग्रेस पार्टी से तोड़ लिए और खुद की अलग पार्टी की घोषणा कर दी। भाजपा के खिलाफ आवाज उठाने वाले कैप्टन ने विधानसभा चुनाव की आहट पर उसी का सहयोग चाहा और गठबंधन कर डाला। लेकिन फिर भी अपना वर्चस्व कायम रखने में विफल हो ही गए।
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2017 में जीत दिलाने वाली जनता ने ही वापस छीन लिया ताज
पटियाला अर्बन सीट को कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) का पारिवारिक गढ़ माना जाता है। कैप्टन साब यहां से लगातार 2002, 2007, 2012 और 2017 में 4 बार विधायक बन चुके हैं। इसके अलावा वहीं 2014 में अमरिंदर सिंह, अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीतने के बाद उन्हें अपनी विधानसभा सीट छोड़नी पड़ी थी। उनकी छोड़ी गई सीट पर पत्नी परनीत कौर उपचुनाव जीतीं थीं। लेकिन इस बार भाजपा भी कैप्टन की हार को नहीं रोक पाई और कैप्टन साब को ‘आम आदमी पार्टी’ के उम्मीदवार अजीत सिंह पाल कोहली के हाथों शिकश्त झेलनी पड़ी। कहते है ना जब दिन खराब आते है… जिस पटियाला शहरी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने 2017 में कैप्टन साब ने को वहां का ताज सौंपा था। आज वहां की जनता ने उनसे वो ताज वापस छीन लिया।