सांसद मां को छोड़ बेटा करने पहुंचा साईकिल की सवारी, तो मां रीता बहुगुणा ने दिया ये जवाब…

UP Election Story :

नई दिल्ली । UP Election Story : टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत पर उतरना देश के नेताओं के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। ये तो एक राजनीतिक परंपरा सी बन गई है। देश में तो चुनावों से पहले अब ये आम बात हो गई है। कोई कितना कुछ भी कह ले राजनेताओं पर किसका कोई असर नहीं पड़ता क्यों कि, वे तो चिकना घड़ा जो हैं। उत्तर प्रदेश के चुनावी घमासान में भारतीय जनता पार्टी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी को जब सांसद मां के भाजपा से अनुरोध के बाद भी टिकट नहीं मिला तो उन्होंने बिना कोई परवाह किए समाजवादी पार्टी की साईकिल सवारी करना स्वीकार कर लिया।

विपक्ष की हो गई बल्ले-बल्ले

UP Election Story : उत्तर प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच विपक्ष को ओर क्या चाहिए था, होगी गई उनकी बल्ले-बल्ले। चुनावों में जीत मिले या न मिले ये तो बाद की बात है जनाब, अभी तो सत्ता पक्ष पर हमने कब्जा जमा ही लिया। जब शनिवार को आजमगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भाजपा सांसद बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी के सपा में शामिल होने का ऐलान किया ओर कहा कि, इनके आने से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। ऐसे में भाजपा को तो झटका जरूर लगा लेकिन, सपा समर्थकों के चेहरे गुलाल के रंग की तरह होली से पहले ही खिल पड़े। खैर ये तो वक्त ही बताएंगा कि, कौन किसके साथ कितने समय टिक पाता है।

अब क्या बोले मां…

UP Election Story : मयंक जोशी के सपा में शामिल होने के बाद प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी कुछ समझ नहीं पा रही कि वे क्या कहे! क्योंकि, यूपी चुनावों से पहले टिकट बंटवारे के दौरान मां ने ही खुद अपने बेटे के लिए भाजपा से टिकट की मांग कर डाली थी और कहा था कि, इसके लिए वे अपना पद भी छोड़ने को तैयार है, लेकिन राजनीति में कौन किसकी सुनता है! यहां तो जनता का हित सर्वोपरि माना जाता है।

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बेटे के लिए दे सकती हूं लोकसभा सीट से इस्तीफा…

UP Election Story : सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेटे मयंक को टिकट दिलाने के लिए पूरा जोर लगाया था और एक बार तो भाजपा को दवाब में भी ला दिया था। तब उन्होंने कहा था कि, मयंक जोशी 2009 से काम कर रहा है और उन्होंने इसके लिए लखनऊ कैंट से टिकट दिया जाना चाहिए है। इसके लिए मैं अपनी वर्तमान लोकसभा सीट से इस्तीफा दे सकती हूं। लेकिन अब सांसद ने इस संबंध में किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से मना करते हुए कहा है कि वे भाजपा में ही रहेंगी। उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व पर आस्था एवं पूर्ण विश्वास है। अब देखना ये होगा कि, आगे किसका क्या विचार बदलता है।

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