Missguided Missile : राजनीति में आने के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू लगातार विवादों घिरते रहे हैं. उन्होंने पार्टी बदलने में ना तो कोई हिचकिचाहट दिखाई और ना ही पार्टी के अंदर रहते हुए बगावत करने में. कुछ महीनों पहले जब कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रार चल रही थी तब भाजपा के वरिष्ठ नेता ने उन्हें मिसगाइडेड मिसाइल बताया था. अगर आप सिद्धू के काम करने के तरीके और राजनीति को देखें तो आपको इस बात में शायद संदेह ना हो.
Missguided Missile : हम आज एक बार फिर से सिद्धू के बारे में इसलिए बात कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने एक बार फिर से पंजाब की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. कुछ दिनों पहले भी सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के बीच की कहासुनी की खबर मीडिया में चटकारे लेकर चल रही थी. हालांकि बाद में प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद सब कुछ ठीक होता सा लगा.
Missguided Missile : अब जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहे हैं एक बार फिर से सिद्धू ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं. सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बारे में कहा कि वे ट्रेलर चला सकते हैं लेकिन पूरी फिल्म कौन चलाएगा उसका निर्णय आलाकमान करेगा. उन्होंने कहा कि ट्रेलर चलाने की इजाजत चलनी को कुछ दिनों पहले पार्टी ने दी थी लेकिन अब आगे क्या होगा यह पार्टी तय करेगी.
नवजोत सिंह सिद्धू ने इशारों इशारों में कांग्रेस पार्टी को भी चेता दिया. सिद्धू ने कह दिया कि अगर पार्टी जल्द से जल्द सीएम फेस को लेकर बड़ा फैसला करती है तो ठीक है और 70 सीटें भी आ जाएंगी. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो पंजाब के पास और भी विकल्प हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि इस बार हमें फैसला लेने का अधिकार नहीं मिले तो मैं या मेरी पत्नी में से कोई एक सियासत छोड़ देगा.
यह स्पष्ट कर दें कि कांग्रेस पार्टी ने हाल में एक इंटरनल सर्वे कराया था कि सीएम का चेहरा किसे बनाया जाना चाहिए. इस सर्वे में नवजोत सिंह सिद्धू दूसरे नंबर पर आए थे. दूसरी ओर चरणजीत सिंह चन्नी पहले स्थान पर. इसके बाद सिद्धू ने कहा था कि ऊपर वाला चाहता है कि यह कमजोर सीएम बन जाए. उन्होंने कहा कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका निर्णय जनता को लेना चाहिए.
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जब नवजोत ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की थी तब भी काफी विवाद हुआ था. भारतीय जनता पार्टी ने शुरू से उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ उनके रिश्ते को लेकर घेरा है. कई जानकारों की माने तो लाजो सिंह सिद्धू किसी भी पार्टी के वफादार नहीं हैं. जानकारों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू खुद का विकास पहले जाते हैं और पार्टी का भात में यही कारण है कि वह अक्सर विवादों में रहते हैं.
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